बरकत नगर एक निवासी ने बताया कि उनके घर में हर महीने 1000 से 1500 रुपए के बीच बिजली का बिल आता था। लॉकडाउन के दौरान भी जितना बिल आया वह जमा कराया। जब इस महीने बिल साढ़े चार हजार रूपए आया तो उसे देख नींद उड़ गई। उसने बताया कि बिजली का बिल जमा कराया तो घर का गणित बिगड़ जाएगा।
अप्रेल व मई महीने के का बिल औसतन दिया गया। औसत जनवरी-फरवरी महीने के हिसाब से दिया गया। जबकि अप्रेल व मई में घरों में बिजली का उपभोग गर्मी की वजह से काफी बढ़ गया। जून माह में रीडिंग का बिल आया है, यानी कि इसमें अब तक उपभोग की गई सारी यूनिट शामिल की है। उदाहरण के तौर पर एक घर में 3 महीने में करीब 1200 यूनिट खर्च हुई। इस बार 1200 यूनिट का बिल आया है। इसमें 2 महीने में जमा कराई राशि को घटा दिया गया। फिर भी बिल सामान्य से अधिक आया है।
— केसी गुप्ता, चीफ अकाउंटेंट ऑफिसर, जयपुर डिस्कॉम