इसके साथ ही एमडीएसआर स्कीम, 2018 के अनुसार मोटर ड्राइविंग स्कूलों की सख्त जांच के निर्देश दिए गए है। इसके तहत वर्ष में एक बार संबंधित अनुज्ञप्ति अधिकारी और वर्ष में दो बार संबंधित जिला परिवहन अधिकारी द्वारा जांच की जाएगी। निरीक्षण की रिपोर्ट मुख्यालय को भी भेजने के निर्देश दिए गए हैं। बता दें कि बढ़ती सड़क दुर्घटनाओं पर लगाम लगाने के लिए राजस्थान के परिवहन निगम ने इस संबंध में आदेश जारी किए हैं।
ड्राइविंग लाइसेंस के नियमों की कड़ाई से पालना के निर्देश
इधर, ड्राइविंग लाइसेंस के नियमों की पालना करने की हिदायत सभी अधिकारियों को दी है। इस संबंध में परिवहन आयुक्त कन्हैया लाल स्वामी ने प्रदेश के सभी आरटीओ और डीटीओ को आदेश जारी किए है। इसके पीछे कारण यह बताया जा रहा है कि सड़क दुर्घटनाओं में लगातार मौतें हो रही हैं।
साथ ही जिन वाहन चालकों के पास ड्राइविंग लाइसेंस हैं, वे भी नियमों की पूरी तरह से पालना नहीं कर रहे हैं। ऐसे में ड्राइविंग लाइसेंस की क्वालिटी चैक को लेकर विभाग की ओर से निर्देश जारी किए है। आदेश के मुताबिक ड्राइविंग टेस्ट ऑटोमेटिक ट्रेक या फिर अधिकारियों के निरीक्षण में लिया जाता है। ऐसे में टेस्ट के दौरान सभी मानकों को पूरा किया जाना चाहिए। जब चालक टेस्ट में इन सभी मानकों पर पूरी तरह खरा उतरेगा तो ही लाइसेंस जारी किया जाएगा।
दिव्यांगों को रजिस्टर्ड मॉडिफाइड वाहन लाना होगा अनिवार्य
बता दें कि दिव्यांग वाहन चालक अक्सर मॉडिफाइड वाहन का उपयोग करते हैं। लेकिन, वे उसका रजिस्ट्रेशन नहीं करवाते हैं। ऐसे में अब रजिस्टर्ड मॉडिफाइड वाहन पर ही दिव्यांग चालक ट्रायल दे सकेंगे। यदि वाहन रजिस्टर्ड नहीं होगा तो ट्रायल भी नहीं लिया जाएगा।