यहां होगा सर्वे में- बांध के जलभराव में सर्वे कर रही जिओ स्टार सर्वे प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी मुम्बई के डायरेक्टर केके सिंह ने बताया कि सर्वे में बनास नदी का लगभग 25 किलोमीटर जिसमें जलभराव के अंदर व सूखा क्षेत्र शामिल है। इसी प्रकार खारी नदी के 20 किलोमीटर क्षेत्र है, जो अभी पूर्णतया सूखी है। डाइ नदी का लगभग 15 किलोमीटर क्षेत्र है, जिसमें आधे में पानी के बीच व आधा सूखे क्षेत्र में सर्वे कार्य किया जाएगा।
उक्त सर्वे 15 दिनों में पूर्ण कर रिपोर्ट ड्रेजिंग कॉरपोरेशन ऑफ इण्डिया विशाखापटनम को सौंपनी है। सर्वे के दौरान जमीन स्तर से 20 मीटर की गहराई तक जमा मिट्टी, बजरी व मिनरल्स की वास्तविक स्थिति से अवगत करवाना है। उसके बाद अन्य कम्पनियों से जलभराव से निकाली जाने वाली मिट्टी व बजरी पर खर्च होने वाली लागत आदि की रिपोर्ट तैयार करनी है। उसके बाद राज्य सरकार व राजस्थान स्टेट माइन्स एण्ड मिनरल्स को तय करना है कि उक्त कार्य करवाना है या नहीं।
यह होगी जांच- बांध के पूर्ण जलभराव क्षेत्र 21 हजार 800 हैक्टेयर भूमि व जल क्षेत्र में पहला जल, दूसरा भूमिगत व तीसरा मिट्टी व बजरी की गुणवत्ता जांच सर्वे कार्य होंगे। जांच के बाद सैम्पल विशाखापटनम भेजे जाएंगे। उक्त कार्यों में लगभग पांच करोड़ रुपए लागत खर्च होगी। अभी कम्पनी ने खारी नदी का सर्वे शुरू किया है उसके बाद बनास एवं बांध के जलभराव के बीच का सर्वे किया जाएगा।
बांध के सहायक अभियंता मनीष बंसल ने बताया कि बांध का गेज शुक्रवार सुबह ३०७.४४ आर एम मीटर दर्ज किया है, जिसमें 5.99 टीएमसी पानी का भराव है। बंसल ने बताया कि बांध में अभी कुल जलभराव 315.50 आर एल मीटर का कुल 13 प्रतिशत पानी शेष बचा हुआ है। बनास नदी में बांध से लगभग पांच किलामीटर में पानी है। वहीं डाई में बांध से 4 से 5 किलोमीटर में पानी का भराव है, वहीं खारी नदी पूर्णतया सूखी पड़ी है।