अगले सप्ताह बढ़ सकता है वाहनों का पंजीयन शुल्क, 600 रुपए के बजाय 15 हजार देने पड़ेंगे
गौरतलब है कि पहली बार बांध के गेट 2004 में खोले गए थे। इसके बाद 2010, 2014 और 2016 में बांध के गेट खोले गए थे। फिर इस बार बांध के गेट खोले जाने की संभावनाएं प्रबल होती जा रह है। वर्ष 2016 में जब बांध छलका तो उस समय बांध के 18 में से 16 गेट खोलकर पानी की निकासी चंबल में की गई थी। वहीं इस बार बांध फिर से छलकने वाला है। लेकिन पानी की धीमी गति से हो रही आवक और जयपुर, अजमेर, टोंक और दौसा जिलों को रूटीन पेयजल आपूर्ति में डेम का जलस्तर तीन सेंटीमीटर तक कम भी हो रहा है।