बीसलपुर बांध में हमेशा अगस्त-सितंबर की बारिश ने ही चादर चलवाई है। जल संसाधन विभाग की माने तो वर्ष 2016 में त्रिवेणी 14 मीटर ऊंचाई पर बती तो बांध पर चादर चली। वहीं वर्ष 2019 में त्रिवेणी 09 मीटर ऊंचाई पर बही तो चादर चली और अब आंकलन है कि त्रिवेणी 07 मीटर से अधिक ऊंचाई पर बहती है तो चादर चल सकती है। ऐसे में अब त्रिवेणी से आस लगाई जा रही है कि बांध के बहाव क्षेत्र में पानी की आवक लगातार बढ़नी चाहिए। बीसलपुर में पिछले छह दिन से लगातार पानी आ रहा है। भीलवाड़ा और चित्तौड़ में हो रही अच्छी बारिश लोगों लोगों की प्यास बुझाने का काम कर रही है। बांध में मानसून की बारिश में अब तक करीब 2 मीटर पानी की आवक हो चुकी है। यह बात अगले है कि पानी दो चरणों में आया है।
बंद हो सकती है बांध केे पेयजल कटौती
जलदाय विभाग के आला अधिकारियों की माने तो बांध का जलस्तर 312 आरएल मीटर को पार करेगा तो उसके बाद फिर से बैठ होगी। बैठक में यह भी तय हो सकता है कि जब सालभर के पानी का इंतजाम हो गया तो अजमेर और जयपुर सहित अन्य जिलों में बांध से हो रही पेयजल कटौती को बंद कर दिया जाए।
बांध पर अब तक पांच बार चली चादर
बीसलपुर बांध पर अब तक पांच बार चादर चल चुकी है और इस बार भी चादर चलने का इंतजार शुरू हो गया है। त्रिवेणी से पानी की लगातार आवक के कारण चादर चलने की उम्मीद जगी है। बता दें कि बांध का कुल जलस्तर 315.50 मीटर है। जल संसाधन विभाग की माने तो वर्ष 2004 में पहली बार चादर चली थी। उसके बाद वर्ष 2006, 2014, 2016 और वर्ष 2019 में चादर चली थी। पिछली बार चादर चलने के दौरान जल संसाधन विभाग को बांध के सभी गेट खोलने पड़े थे। करीब 20 दिन तक बांध से पानी बाहर निकाला गया था।