जलदाय विभाग की माने तो बांध से वर्तमान में करीब 880 एमएलडी पानी लिया जा रहा है जो जयपुर, अजमेर, टोंक और जयपुर ग्रामीण में दिया जा रहा है। सर्दियों में पानी की डिमांड कम होने से बांध के करीब 100 एमएलडी पानी कम किया जाएगा और गर्मियों के दौरान करीब एक हजार एमएलडी पानी की जरूरत होगी। जलदाय अधिकारियों के अनुसार अभी जयपुर को 445 एमएलडी, अजमेर को 290, टोंक को 45 और जयपुर ग्रामीण को 100 एमएलडी पानी दिया जा रहा है, जो अगली गर्मी के दौरान जयपुर में 500 एमएलडी, अजमेर में 330, टोंक में 55 और जयपुर ग्रामीण में 110 एमएलडी कर दिया जाएगा। ऐसे में बीसलपुर से अगले एक साल तक जमकर पानी लिया जा सकेगा।
बांध में इस मानसून आया 3.18 मीटर पानी
बीसलपुर बांध में मानसून से पहले जलस्तर 309.36 आरएल मीटर था और इस मानसून कुल 3.18 मीटर पानी की आवक हुई है। जलदाय विभाग की माने तो बांध का जलस्तर सितंबर के दौरान सबसे ज्यादा बढ़ा है। सितंबर की झमाझम ने दी सौगात
बांध से 81 हजार हैक्टेयर में नहीं होगी सिंचाई
बीसलपुर बांध के वर्तमान जलस्तर ने लाखों लोगों के लिए सालभर पेयजल का इंतजाम तो कर दिया है, लेकिन हजारों हैक्टेयर जमीन की प्यास नहीं बुझ सकेगी। बांध का जलस्तर 312.30 आरएल मीटर आने के साथ ही जलदाय विभाग जयपुर-अजमेर व टोंक-जयपुर ग्रामीण को सालभर तक भरपूर पानी दे सकता है, लेकिन किसानों की 81 हजार से ज्यादा भूमि में सिंचाई के लिए इस पानी का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा। बांध का जलस्तर 314 आरएल मीटर से ऊपर पहुंचता तभी जाकर कुछ बात बन सकती थी।
250 गांवों को नहीं मिलेगा पानी
जल संसाधन विभाग की माने तो बीसलपुर से टोंक जिले के 81 हजार 800 हैक्टेयर भूमि पर सिंचाई के लिए 256 गांंवों को पानी दिया जाता रहा है। करीब चार माह तक नहर चला कर खेतों में सिंचाई के लिए बांध से आठ टीएमसी पानी दिया जाता रहा है। जब भी बांध का जलस्तर 315 आरएल मीटर के आसपास पहुंचा तो किसानों के चेहरे पर खुशी दिखाई दी है, लेकिन जब-जब पानी की मारीमारी रही किसान बांध के पानी की बाट जोहते रहे। इस बार भी पानी नहीं दिया जा सकेगा।
17 साल में 12 बार दिया सिंचाई का पानी
जल संसाधन विभाग की माने तो बीसलपुर बांध से सिंचाई के लिए टोंक जिले के 256 गांवों को बीते 17 साल में 12 बार सिंचाई के लिए पानी दिया जा चुका है। इसमें भी पांच बार बांध पर चादर चली और अन्य बार जलस्तर 315 के आसपास पहुंचा था। जलसंसाधन विभाग की माने तो बांध में 38 टीएमसी पानी की भराव क्षमता है और 24 टीएमसी से ऊपर होेने पर ही सिंचाई के लिए पानी की व्यवस्था होती रही है।
पिछले साल भी नहींं दिया पानी
टोंक के 256 गांवों में सिंचाई की बात करें तो पिछले साल भी बीसलपुर बांध से सिंचाई के पानी नहीं दिया जा सका था। इस बार सितंबर की बारिश के दौरान किसानों को आस जगी थी कि बेहतर बारिश के चलते बांध लबालब होगा और हजारों हैक्टेयर में पानी आएगा, ताकि अगले फसलों की बुवाई का काम शुरू करने की प्लानिंग की जाा सके। लेकिन अब यह आस अधूरी सी लग रही है।