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फाइलों में दौड़ रहे बीसलपुर जयपुर प्रोजेक्ट से प्यासे रहे राजधानी के बाशिंदे,फिर करना पड़ सकता है पानी की किल्लत का सामना

locationजयपुरPublished: Oct 13, 2017 10:54:37 am

Submitted by:

rajesh walia

फाइलों में दौड़ रहे डेडिकेटेड फीडर से प्यासा रहा गुलाबीनगर,राजधानी के बाशिंदे को फिर करना पड़ सकता है पानी की किल्लत का सामना

Bisalpur Jaipur project:Jaipur may be face Water Crisis once again
बीसलपुर बांध में पर्याप्त पानी होने के बावजूद राजधानी के बाशिंदों को दो दिन पेयजल संकट का सामना करना पड़ा है। विभाग के अफसरों और प्रोजेक्ट पाइप लाइनों की मेंटीनेंस कर रही निजी फर्म की लापरवाही के चलते शहर को जल संकट की मार झेलनी पड़ी वहीं प्रोजेक्ट के प्रस्तावित कार्यों की कछुआ चाल से आगामी समय में भी शहर को पेयजल संकट का सामना करना होगा। बीसलपुर से जयपुर तक अलग से डेडिकेटेड फीडर में पाइप लाइन बिछाने के काम की स्वीकृति वाली फाइल राज्य और केंद्र के शहरी विकास मंत्रालय में ही घूम रही है।
मालूम हो बीसलपुर जयपुर स्पेशल प्रोजेक्ट में पहली स्टेज के काम लगभग अंतिम चरण में हैं और स्टेज टू में सूरजपुरा से बालावाला तक डेडिकेटेड फीडर बनाने के लिए वर्तमान में बिछी पाइप लाइन के समानान्तर ही अलग से पाइप लाइन बिछाने के काम को लेकर केंद्र व राज्य सरकार के बीच चल रही खींचतान में अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं होने व वर्तमान में चरमरा रहे प्रोजेक्ट सिस्टम के चलते भविष्य में भी राजधानी के बाशिंदों को पीने के पानी की किल्लत का सामना करना पड़ेगा।
फॉल्ट होने पर यूं खड़ा हो रहा जल संकट

जलदाय विभाग स्पेशल प्रोजेक्ट से मिली जानकारी के अनुसार वर्तमान में बीसलपुर जयपुर स्पेशल प्रोजेक्ट का डिजाइन वर्ष 2021 तक की आबादी को ध्यान में रखते हुए बनाया गया था। इसके अलावा प्रोजेक्ट स्टेज टू में सूरजपुरा से बालावाला तक वर्तमान में बिछाई गई पाइप लाइन के समानान्तर ही वर्ष 2036 की आबादी के अनुमान के अनुसार अलग से पाइप लाइन डालने का काम भी बीते लंबे समय से प्रस्तावित है। राज्य सरकार ने जापानी कंपनी जायका से 1800 करोड़ रुपए कर्ज लेेने की स्वीकृति विभाग को दे दी जिसके बाद फाइल केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय पहुंची जहां मंत्रालय ने बीसलपुर बांध से रिजर्व ड्रिंकिंग वाटर एवीलेबिलिटी सर्टिफिकेट विभाग से मांगा है। चुंकि बीसलपुर बांध सिचांई विभाग के पास है ऐस में विभाग के अफसर उक्त सर्टिफिकेट लेने के लिए सिंचाई विभाग के अफसरों से कई बार मीटिंग कर चुके हैं लेकिन अब तक मामले में आगे कोई तरक्की नहीं हो सकी है। जिसके चलते सूरजपुरा से बालावाला तक तीन बार हुए लीकेज से जयपुर शहर की जलापूर्ति प्रभावित होने पर शहर के बाशिंदों को जल संकट का सामना करना पड़ा है। डेडिकेटड फीडर होने पर बालावाला को बांध से निर्बाध रूप से बनास जल उपलब्ध हो सकता है लेकिन विभागीय प्रक्रिया की कछुआ चाल से अब तक अलग से फीडर बनाने की कार्रवाई अटकी हुई है।
हर तीन महीने में लेंगे शटडाउन –

बीसलपुर जयपुर स्पेशल प्रोजेक्ट में अब तक लाइनों के लीकेज अथवा मशीनरी में तकनीकी खराबी आने पर ऐन वक्त पर शटडाउन लिया जाता है। लेकिन अब विभाग हर तीन महीने में प्रोजेक्ट मेंटीनेंस को लेकर शटडाउन लेने का प्रस्ताव तैयार कर रहा है। संभवतया आज यह प्रस्ताव विभाग के आलाधिकारियों को सौंपा जाएगा। और यदि सब कुछ ठीक रहा तो साल में हर तीन महीने बाद विभाग प्रोजेक्ट में मेंटीनेंस शिड्यूल तय कर मेंटीनेंस कराएगा।
इनका कहना है—

डेडिकेटड फीडर होने से पेयजल कटौती जैसी समस्या का स्थाई समाधान संभव है। हालांकि मेंटीनेंस को लेकर शिड्यूल तय करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। मंजूरी मिलने पर हर तीन महीनेे में प्रस्तावित मेंटीनेंस कार्य कराने संभव हो सकेंगे। दिनेश गोयल, एसई सिटी स्पेशल प्रोजेक्ट जलदाय विभाग

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