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खुशखबरी: बीसलपुर बांध भरने से अजमेर, टोंक व जयपुरवासियों को मिलने वाला है ज्यादा पानी

locationजयपुरPublished: Aug 21, 2019 07:42:09 am

Submitted by:

dinesh Dinesh Saini

Bisalpur Bandh News: बीसलपुर बांध ( Bisalpur Dam ) भरने के बाद अब जयपुर, टोंक व अजमेर के उन क्षेत्रों में पहले पेयजल सप्लाई बढ़ाई जाएगी, जहां 72 घंटे या उससे अधिक अंतराल में सप्लाई की जा रही है…

Bisalpur

राजमहल. बीसलपुर बांध में हिलोरे लेता पानी। पानी को देख ने केेे लिए उमडे लोग । फोटा — मोहन कुमावत,राजमहल. बीसलपुर बांध में हिलोरे लेता पानी। पानी को देख ने केेे लिए उमडे लोग ।,राजमहल. बीसलपुर बांध में हिलोरे लेता पानी। पानी को देख ने केेे लिए उमडे लोग । फोटा — मोहन कुमावत

जयपुर। बीसलपुर बांध ( Bisalpur Dam ) भरने के बाद अब जयपुर, टोंक व अजमेर के उन क्षेत्रों में पहले पेयजल सप्लाई बढ़ाई जाएगी, जहां 72 घंटे या उससे अधिक अंतराल में सप्लाई की जा रही है। इनमें ज्यादातर ग्रामीण इलाके शामिल है। शहर क्षेत्रों में सप्लाई बढ़ाने के मामले में अब तक स्थिति साफ नहीं की गई है। हालांकि, जलदाय विभाग के अधिकारियों ने बांध के पिछले वर्षों में भराव की स्थिति का आकलन किया और यह तय हुआ कि जरूरत से ज्यादा पेयजल सप्लाई करना ठीक नहीं है। कारण, जब भी बांध भरा है, उससे अगले दो-तीन साल तक बांध में पानी कम पहुंचा है। ऐसे हालात में पेयजल की अपेक्षा से ज्यादा सप्लाई नहीं की जा सकती है। बल्कि, इसका सदुपयोग जरूरी है, जिससे बारिश कम होने की स्थिति में दिक्कत नहीं आए। विभाग के प्रमुख शासन सचिव संदीप वर्मा ने इस मामले में मंगलवार को समीक्षा की। बैठक में यह तय किया गया।

 

यहां अलग योजना…
जयपुर शहर के शास्त्री नगर, गुर्जर की थड़ी, ईदगाह, तोपखाना देश, तोपखाना हजूरी व चौकड़ी गंगापोल सहि कई क्षेत्रों में बीसलपुर का पानी पर्याप्त दबाव से सप्लाई नहीं हो रहा है। इन क्षेत्रों के लिए अलग से योजना बनेगी, जो इसी माह प्रभावी होगी।

 

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राज्य के बांधों की भराव स्थिति से हर चेहरे पर मुस्कान, प्रदेश में 285 बांध हो चुके लबालब
इस बार राजस्थान प्रदेश के लिए मानसून अच्छी खबर लेकर आया है। राज्य के बांधों की भराव स्थिति से हर चेहरे पर मुस्कान है। प्रदेश में मानसून देरी से आया, पर कम समय में अच्छी बारिश से राजस्थान के बांधों में पानी की अच्छी आवक हो चुकी है। अभी लगभग एक महीने तक मानसून की अवधि शेष है। जल संसाधन आयोजन विभाग के मुख्य अभियंता केडी सांदू ने बताया कि राज्य में 22 बड़े बांध हैं। 20 अगस्त 2019 तक राज्य में कुल 810 बांधों में से 285 बांध पूर्ण रूप से भर गए हैं और 357 बांधों में आंशिक रूप से पानी की आवक हुई है तथा 168 बांध अभी भी रिक्त हैं। राज्य में बांधों की कुल भराव क्षमता का 77.16 प्रतिशत हो चुकी है, जबकि इसी समय पर पिछले वर्ष कुल भराव मात्र 46 प्रतिशत ही था।

 

क्या है आरएल मीटर
आरएल मीटर यानी रिड्युस्ड लेवल मीटर, भारत में यह मुंबई के निकट समुद्र तल से ऊंचाई के संदर्भ में होती है। बांध में पानी का स्तर 315.50 आर एल मीटर है इसका अर्थ है कि पानी की सतह समुद्र तल की सतह से 315.50 मीटर ऊंचाई तक है।

 

बांध की कुल गहराई और ऊंचाई कितनी है?
बांध में 20.50 मीटर पानी भरता है। इस हिसाब से बांध का तल 295 आर मीटर से शुरू होता है। पूरा भरने से बांध के भराव क्षेत्र में 21300 हैक्टेयर भूमि जलमग्न है। बांध की दीवार की गहराई नींव से 39.50 मीटर है। बांध की दीवार 574 मीटर लम्बी है। यह 9 मीटर चौड़ी है। बांध की नहरों से 81800 हैक्टेयर भूमि सिंचित होती है। करीब एक करोड़ लोगों के पेयजल की व्यवस्था होती है।

 

क्या है टीएमसी?
पानी को नापने की इस इकाई को पूरे रूप में थाउंज्ड मिलियन क्यूबिक फिट कहा जाता है। जिसका अर्थ एक अरब घन फिट पानी है। इसी प्रकार बहते पानी को नापने के लिए क्यूसेक इकाई होती है। एक सेकंड में बहने वाला घन फिट पानी को एक क्यूसेक कहते हैं। एक क्यूसेक में लगभग 28.317 लीटर पानी होता है। बीसलपुर बांध में कुल 38.70 टीएमसी पानी संग्रहित होता है। वर्तमान में बांध के 2 गेट डेढ़ मीटर ऊंचाई तक खुले हैं। जिसमें से प्रति सेकंड 18 हजार क्यूसेक पानी निकल रहा है। सोमवार शाम पांच बजे से मंगलवार सुबह छह बजे तक बांध से 375 एमसीएफटी (मिलियन क्यूबिक फीट) पानी छोड़ा जा चुका है। वहीं मंगलवार सुबह 6 बजे से मंगलवार शाम छह बजे तक 560 एमसीएफटी पानी छोड़ा गया है। इस प्रकार मंगलवार शाम छह बजे तक 935 एमसीएफटी पानी बांध से छोड़ा जा चुका है। एक एमसीएफटी में 10 लाख लीटर पानी होता है।

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