भाजपा प्रदेशाध्यक्ष डॉ. सतीश पूनियां ने रविवार को वर्चुअल तरीके से आयोजित प्रेस वार्ता में कहा कि इन विधेयकों के पास होने से कांग्रेस का दोगला चरित्र और किसान विरोधी चेहरा सामने आया है। करीब एक दशक से कांग्रेस सत्ता से बाहर है और उसकी छटपटाहट साफ दिखती है। वो कभी चाहना का पक्ष लेती है तो कभी देश विरोधी ताकतों का। जिन विधेयकों को लोकसभा और राज्यसभा में पास किया गया है, 2019 के कांग्रेस के घोषणा पत्र में इनका उल्लेख है। यही नहीं 2007 में केंद्र की यूपीए सरकार ने खुद राज्य सरकारों को संविदा खेती को लागू करने की मांग की थी। हरियाणा सरकार ने इसे लागू भी किया गया था।
पूनियां ने आरोप लगाया कि किसान देश में निर्णायक वोटबैंक है। अगले साल बिहार और पंजाब के चुनाव की आशंका के मद्देनजर कांग्रेस इस तरह का भ्रम फैलाकर वोट हासिल करना चाहती है। पूनियां ने कहा कि लंबे अर्से से किसानों की मांग की थी उन्हें फसलों की अच्छी कीमत मिले। किसान अपने प्रोडक्ट को अपनी कीमत पर बेच सके। बिचौलियों का सर्वाधिकार खत्म हो। इन बिलों के माध्यम से मोदी सरकार ने किसानों को उनकी फसल को देश में कहीं भी बेचने की सुविधा दी है। यही नहीं खेत पर किसान अपनी फसल को बेच सकेगा, इससे बिचौलियां परंपरा खत्म होगी। मगर कांग्रेस भ्रांतिया फैलाकर अराजकता का माहौल पैदा कर रही है।