नरेन्द्र कुमार के परिवार में टिकट देने की चर्चा तो जोरों पर है, लेकिन ऐसी स्थिति में भाजपा को परिवारवाद के आरोपों से निकलने की युक्ति भी सोचनी होगी, क्योंकि एनडीए के घटक दल रालोपा के लिए छोडी गई खींवसर सीट से भी नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल के भाई नारायण बेनीवाल को ही टिकट दिया गया है। भाजपा की ओर से मंडावा में टिकट तय करने की जिम्मेदारी उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ को दी गई है।
सूत्रों के मुताबिक मंडावा सीट से तीन प्रमुख नाम टिकट की दावेदारी में उभर कर आए हैं। इनमें पहला नाम सांसद नरेंद्र कुमार के बड़े बेटे अतुल खींचड का है, जबकि दो अन्य नाम भी दावेदारी में पीछे नहीं है। एक नाम है झुंझुनूं पंचायत समिति प्रधान सुशीला ( Susheela Singda ) का और दूसरा नाम है पंचायत समिति अलसीसर प्रधान गिरधारी सिंह का है। दोनों ही प्रधान हैं और दोनों को ही मंडावा विधानसभा क्षेत्र में अच्छा खासा प्रभाव माना जाता है।
सुशीला को तो नरेन्द्र कुमार के खेमे का ही माना जाता रहा है। ऐसे में टिकट की रेस में सुशीला सींगड़ा का नाम सबसे आगे है। बताया जा रहा है कि तीनों नाम प्रदेश भाजपा की ओर से आलाकमान को भेजे जा चुके हैं और प्रदेश भाजपा के बड़े नेताओं ने अपनी वरियता भी बता दी है। अब पार्टी आलाकमान कभी भी प्रत्याशी की घोषणा कर सकता है। झुंझुनूं सांसद नरेन्द्र कुमार मंडावा से ही विधानसभा का चुनाव जीत कर आए थे, लेकिन उनकी जीत बहुत कम अंतर की रही है। ऐसे में पार्टी के सामने यह भी बडा संकट है कि यदि टिकट चयन में गलती होती है तो कहीं किसी तरह का नुकसान ना उठाना पड़ जाए।