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बागियों को खुश करने के लिए ‘चाणक्य नीति‘ अपनाएंगी पार्टियां, अब शुरू हुआ ऐसा खेल!

locationजयपुरPublished: Nov 20, 2018 01:12:07 pm

Submitted by:

dinesh

अब तो मैदान से हटना या हटाना संभव है। ऐसे में दोनों दलों ने अपनों की चालों से ही खेल बिगड़ता देख शुरू की है रूठों को मनाने की कोशिश…

Rajasthan Poll 2018
जयपुर। कांग्रेस-भाजपा में प्रत्याशी चयन का अंत ब्लॉकबस्टर थ्रिलर फिल्म के जबरदस्त क्लाइमेक्स की तरह हुआ। चुनाव (Rajasthan Election 2018) में जिसे खड़ा करना था पार्टियों ने उतार दिया। जिसका टिकट कटा वह दिल में जीत की उम्मीद और बदले की मंशा से खुद खड़ा हो गया। समय खत्म, अब कोई चुनाव में नहीं उतर सकता। अब तो मैदान से हटना या हटाना संभव है। ऐसे में दोनों दलों ने अपनों की चालों से ही खेल बिगड़ता देख शुरू की है रूठों को मनाने की कोशिश। पार्टियों को सबकी परवाह तो नहीं, ऐसों की जरूर है जो खेल बिगाडऩे का दम रखते हैं। दोनों दलों ने ऐसे टॉप-10 नेताओं को सूचीबद्ध भी कर लिया है। इनमें भाजपा के 5 मंत्री और 8 विधायक हैं। कांग्रेस के 4 पूर्व मंत्री और 6 पूर्व विधायक हैं। कांग्रेस और भाजपा डैमेज कंट्रोल की रणनीति में जुट गए हैं। दोनों दलों के प्रमुख नेता जिले व संभाग के नेता और बगावत पर उतरे हैं उनके नजदीकियों की मदद लेकर समझाइश में जुटे हैं। दोनों दलों ने सोमवार को नामांकन खत्म होने के बाद बागियों की सूची तैयार की।
लालच देकर बैठाने की रणनीति
कांग्रेस और भाजपा दोनों ने बागियों को बैठाने के लिए लालच की रणनीति पर काम शुरू किया है। नेताओं को एक से बढकऱ एक प्रलोभन मिल रहे हैं। यहां तक कि उन्हें सत्ता में भागीदारी देने के वादे किए जा रहे हैं। एक नेता ने बताया कि उन्हें तो यहां तक प्रलोभन मिल गया कि सरकार आते ही आपको अगले ही दिन लालबत्ती मिल जाएगी। ऐसे ही भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष मदनलाल सैनी ने अपने दामाद डॉ दुर्गाशंकर सैनी को बैठाने के लिए बकायदा ऑफिशियल पत्र लिखा है। इसमें उन्हें आश्वासन दिया कि आपके मान-सम्मान का पूरा ध्यान रखा जाएगा।
एक-दूसरे के बागियों को शह
दोनों दल बागियों को बैठाने की जुगत ही नहीं चल रहे, बल्कि दूसरे के बागी को खड़ा रखने की कोशिशों में भी जुटे हैं। दरअसल ऐसे बागियों को भी लिस्ट किया गया है, जिन पर सिर्फ इस बात का फोकस है कि कहीं यह बैठ नहीं जाए। इसमें जातिगत समीकरण का ध्यान रखा गया है। ऐसा इसलिए चूंकि ऐसे बागी के खड़े रहने से पार्टी को फायदा होगा।
ऐसे भी बागी जिसको दोनों अपने पक्ष में बैठाने में जुटे
राज्य में कुछ बागी ऐसे भी खड़े हैं, जिनको दोनों ही दल परस्पर अपने पक्ष में बैठाने की कोशिश में सक्रिय हैं। इसमें भी जातिगत समीकरण को देखा गया है। एससी वर्ग के लिए सुरक्षित अजमेर दक्षिण सीट पर कांग्रेस के बागी ललित भाटी खड़े हैं। इस सीट पर कोली समुदाय के मतदाता काफी हैं। ऐसे में कांग्रेस और भाजपा दोनों की कोशिश है कि भाटी उनके पक्ष में अपना नामांकन वापस ले लें। ऐसे में वह जिसके पक्ष में नामांकन वापस लेंगे, उनके समर्थकों के वोट उसकी तरफ झुकने की उम्मीद बढ जाएगी। ऐसे ही रतनगढ़ सीट पर खड़े भाजपा के बागी राजकुमार रिणवां को भी दोनों दल अपने पक्ष में बैठाने की कोशिश में सक्रिय हैं।
कांग्रेस : सूची तैयार
प्रदेश सह-प्रभारियों विवेक बंसल, तरुण कुमार, देवेन्द्र यादव व काजी निजामुददीन को सक्रिय किया, प्रत्येक को 50 सीट का जिम्मा।
चारों ने बागियों की जानकारी जुटाई, साथ ही यह भी कि बागी को किस बड़े नेता का आशीर्वाद।
अशोक गहलोत, सचिन पायलट और अविनाश पाण्डे की देखरेख में शुरू हुआ डैमेज कंट्रोल का काम।
रामेश्वर डूडी, सीपी जोशी, जितेन्द्र सिंह सहित अन्य को भी जिम्मेदारी।
भाजपा : सीएम सक्रिय
प्रभावशालीबागी ज्यादा। सीएम ने थामा बागियों को मनाने का मोर्चा।
गजेन्द्र सिंह शेखावत, मदनलाल सैनी, ओमप्रकाश माथुर ने बागियों के चलते हर सीट पर बनते बिगड़ते समीकरण की समीक्षा की
कौनसा नेता किस बागी से बात करेगा, यह भी तय। संभागवार दो से तीन बड़े नेताओं को जिम्मेदारी।
सी.आर. चौधरी, अर्जुनराम मेघवाल, राजेन्द्र राठौड़, अशोक परनामी, अविनाश राय खन्ना, वी. सतीश और चन्द्रशेखर को भी क्षेत्रवार जिम्मा।
पार्टी का प्रयास कि ऐसे बागियों को बैठाया जाए जो 5 हजार से ज्यादा वोट लेने का दम रखते हैं।
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