राजे की अनुपस्थिति पर प्रभारी अरुण सिंह ने उनकी पुत्रवधु के बीमार होने को वजह बताया तो प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि किसी की अनुपस्थिति का हर बार सियासी कारण नहीं होता है। उनकी पुत्रवधु बीमार हैं। बैठक में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और राष्ट्रीय महामंत्री भूपेंद्र यादव नहीं आए। हालांकि पूनियां ने कहा कि दोनों ही चुनाव को लेकर व्यस्त है। ये सभी अगली बैठक में उपस्थित रहेंगे, ऐसी मुझे जानकारी मिली है। यह बैठक फरवरी के अंत में होगी।
पार्टी में संसदीय बोर्ड सर्वशक्तिमान सोशल मीडिया पर कई नेताओं के मुख्यमंत्री बनने के सवाल पर पूनियां ने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफार्म सत्यता के निकट नहीं होता है। पार्टी में संसदीय बोर्ड सर्व शक्तिमान हैं। सोशल मीडिया और सड़क पर लगने वाले नारे उनको हकीकत में बदलने का काम संसदीय बोर्ड करता है। राजे की अनुपस्थिति पर फिर पूनियां ने कहा कि उपस्थिति और अनुपस्थिति के कारण हो सकते हैं, किन्हीं सियासी चीजों से जोडऩे की मुझे तो कोई आवश्यकता नहीं है। बैठक में राजे के अनुपस्थित होने की चर्चा पर भी पूनियां ने साफ किया कि चर्चा की आवश्यकता नहीं है, हमारे लिए कोई बड़ा मसला नहीं है।
गुटबाजी की बात को खारिज किया पार्टी में गुटबाजी के सवाल पर पूनियां ने कहा कि मुझे लगता है कि जिस तरीके से गुटबाजी की चर्चा होती है, उसी तरीके से मैं उसे खारिज करता हूं। इसका कोई आधार नहीं है। भीतर क्या बात हुई, आप उसका क्या आकलन करते हो ये दीगर बात है। भविष्य में उपलब्धता होगी तो सभी नेता उपस्थित होंगे।
सरकार का इकबाल खत्म हुआ जनप्रतिनिधियों पर हो रहे हमले को लेकर पूनियां ने कहा कि सरकार का इकबाल खत्म हो गया है। जनप्रतिनिधि सुरक्षित नहीं रहे, ये उनकी सरकार के कामकाज की बानगी है। दोनों ही जगह कार्यकर्ता धरने पर बठे हैं। मेरी डीजी से बात हुई। उन्होंने आश्वस्त किया है कि जल्द ही इस तरीके हमलावरों को गिरफतार करेंगे। एक दो दिनों में पार्टी के प्रमुख लोग वहां जाकर छानबीन करेंगे, अगर जरूरत पड़ी तो राज्यपाल से मुलाकात भी करेंगे।
खिलाफत करने वालों पर होगी कार्रवाई चुनाव में पार्टी की खिलाफत करने वालों पर कार्रवाई के सवाल पर पूनियां ने कहा कि हार्ड केसेज में कार्रवाई की है। कुछ जगहों पर कार्रवाई प्रस्तावित है। स्थानीय इकाई ने कहा है कि मतदान के बाद उसका निर्णय करेंगे। कुछ मामलां में अनुशासन समिति ने चर्चा की है। एक-दो दिन में कुछ मामलों पर कार्रवाई हो जाएगी।
प्रत्याशी नहीं उतारना रणनीति का हिस्सा निकाय चुनाव में कुछ जगहों पर प्रत्याशी नहीं उतारने के सवाल पर पूनियां ने कहा कि यह पहली बार नहीं हुआ है। सत्ताधारी दल के भी बहुत सारे वार्ड खाली रहते हैं। कुछ जगहों पर रणनीति और कुछ जगहों पर सामान्य परिस्थितियों के कारण एेसा किया जाता है। 90 निकायों में सरकार के खिलाफ आक्रोश है और भाजपा को बढ़त मिलेगी।
सभी नेता जाएंगे, हम चारों सीटें जीतेंगे उप चुनाव से बड़े नेताओं की दूरी के सवाल पर पूनियां ने कहा कि अभी तो चुनाव में बहुत समय है और मैं तो मुखिया हूं। मुझे शुरुआत करनी थी और यह मेरा फर्ज था। आने वाले समय में पार्टी के सब नेता और कार्यकर्ता मिलकर ही चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे।
चिंतन शिविर लगेगा, सांसदों की बैठक होगी पूनियां ने कहा कि बैठक में उप चुनाव, विधानसभा सत्र सहित कई मुददों पर चर्चा होगी। आने वाले समय में चिंतन शिविर लगेगा और सांसदों की बैठक भी होगी। सांसदों की बैठक के जरिए ही राजस्थान के कौन से मुददे संसद में उठाए जाने हैं, उन पर चर्चा होगी।