सडकों पर उतरकर विरोध जताने की चेतावनी
उदयपुर में नाइट कर्फ्यू का समय अन्य शहरों से अलग रखे जाने के राज्य सरकार के कदम को लेकर नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने ऐतराज़ जताया है। साथ ही सरकार से समय परिवर्तन की मांग करते हुए चेतावनी भी दी है कि यदि सरकार इसपर कोई सकारात्मक रुख नहीं दिखाती है, तो सड़क पर उतरकर धरना दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री को करवाया गया है अवगत
कटारिया ने कहा है कि इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री कार्यालय को अवगत करवाते हुए कहा गया है कि उदयपुर में शाम छह बजे से ही नाइट कर्फ्यू लगाया गया है, जबकि राज्य के अन्य शहरों में नाइट कर्फ्यू का समय देर शाम आठ बजे से है। कटारिया ने कहा कि यदि उदयपुर में नाइट कर्फ्यू के समय में बदलाव नहीं किया तो इस मांग को लेकर सड़क पर धरना शुरू कर दिया जाएगा।
उदयपुर की जनता को बेवजह परेशान करने का आरोप
कटारिया ने नाराजगी जताते हुए कहा कि केवल उदयपुर की जनता को परेशान करने के लिए ही नाइट कर्फ्यू का समय दो घंटे पहले किया है, जबकि उदयपुर से ज्यादा कोरोना के मामले जोधपुर और जयपुर शहरों में हैं। यदि लोगों की उन्हें वास्तविक चिंता है, समूचे राज्य में एक जैसा समय निर्धारित करते।
गौरतलब है कि सरकार ने उदयपुर में शाम 6 बजे से सवेरे 6 बजे तक का नाइट कर्फ्यू लगाया है, जबकि अन्य शहरों में रात्रि 8 बजे से सुबह 6 बजे तक का नाइट कर्फ्यू है।
सरकार का पक्ष, इसलिए लगाया उदयपुर में ‘अतिरिक्त’ कर्फ्यू
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को कोविड-19 समीक्षा बैठक के दौरान कहा कि उदयपुर में सबसे तेज गति से संक्रमण फैलने के कारण रात्रिकालीन कर्फ्यू शाम 6 बजे से सुबह 6 बजे तक 12 घण्टे की अवधि के लिए लगाया गया है। उन्होंने कहा कि उदयपुर में बड़ी संख्या में टेस्ट किए जा रहे हैं, फिर भी हर तीसरा व्यक्ति संक्रमित पाया जा रहा है। यहां पॉजिटीविटी दर 30 प्रतिशत तक पहुंचने के साथ ही शहर के अस्पतालों में 66 प्रतिशत आईसीयू और ऑक्सीजन बेड पर मरीज भर्ती हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोटा, जोधपुर और जयपुर में भी संक्रमण की गति काफी तेज है। इन शहरों में शनिवार को पॉजिटिविटी दर क्रमशः 22, 15 और 8.4 प्रतिशत रही, जो गम्भीर चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को इस स्थिति के बारे में स्थानीय स्तर पर प्रभावशाली लोगों, जनप्रतिनिधियों एवं सामाजिक संस्थाओं से चर्चा कर यह संदेश देना चाहिए कि वे लोगों को हैल्थ प्रोटोकॉल की पालना करने के लिए प्रेरित करें, क्योंकि संक्रमण अधिक बढ़ने पर हालात बहुत बिगड़ जाएंगे। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र, पंजाब एवं गुजरात सहित कई राज्यों में संक्रमण की स्थिति बेकाबू हो रही है।