9 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कांग्रेस का राज गया, अब तक सत्ता सुख बाकी, नई सरकार के आदेश का इंतजार

राज्य में भाजपा सरकार के गठन के बाद भी पिछली कांग्रेस सरकार में काबिज अधिकांश बोर्ड- निगमों के चेयरमैन अभी भी अपने पद पर बने हुए हैं और सरकारी सुविधाओं का लाभ ले रहे हैं।

2 min read
Google source verification

जयपुर

image

Nupur Sharma

Dec 17, 2023

bjp_or_congress.jpg

राहुल सिंह
राज्य में भाजपा सरकार के गठन के बाद भी पिछली कांग्रेस सरकार में काबिज अधिकांश बोर्ड- निगमों के चेयरमैन अभी भी अपने पद पर बने हुए हैं और सरकारी सुविधाओं का लाभ ले रहे हैं।

यह भी पढ़ें : राजधानी तेजस एक्सप्रेस में वारदात: चलती ट्रेन में दो अटेंडेंट ने चुराए यात्री के लाखों रुपए और सोने से भरा बैग, पढ़ें पूरा मामला

आमतौर पर यह होता है कि सरकार बदलने के बाद पिछली सरकार में नियुक्त चेयरमैन अपने पदों से इस्तीफा दे देते हैं, लेकिन अब तक करीब एक दर्जन बोर्ड-निगमों के चेयरमैन, वाइस चेयरमैन को छोड़कर अधिकांश अपने पदों पर जमे बैठे हैं। जिन नेताओं ने इस्तीफा दिया है उनमें प्रमुख रूप से अभाव अभियोग निराकरण समिति, आरटीडीसी के चेयरमैन, कुछ अन्य बोर्डों के वाइस चेयरमैन और सदस्य शामिल हैं। इसके अलावा विप्र कल्याण बोर्ड के चेयरमैन महेश शर्मा ने तो चुनाव के दौरान टिकट नहीं मिलने पर इस्तीफा दे दिया था। माना जा रहा है कि अब जल्द ही भाजपा सरकार एक आदेश जारी कर इन सब नियुक्तियों को रद्द कर देगी।

चाैथे साल में की थी राजनीतिक नियुक्तियां
पूर्व की गहलोत सरकार ने अपने चौथे साल की शुरुआत में राजनीतिक नियुक्तियों का पिटारा खोला था। इनमें 70 से ज्यादा नेताओं को विभिन्न बोर्ड-आयोगों में नियुक्ति दी गई थी। इनमें कई विधायकों के अलावा पूर्व विधायकों, विधायक का चुनाव लड़े नेताओं और अफसरों को भी चेयरमैन बनाकर उपकृत किया गया था। इनमें विधायकों को तो सरकार मंत्री का दर्जा नहीं दे पाई थी, लेकिन बाकी नेताओं को कैबिनेट और राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया था। वे आज भी वेतन और भत्तों का लाभ ले रहे हैं।

यह भी पढ़ें : हनी ट्रेप: झूठे मुकदमे का भय दिखाकर दंपती ने कोचिंग संचालक से ठगे ढाई लाख, आरोपी कोचिंग में करता था कम्प्यूटर ऑपरेटर की नौकरी

कैबिनेट और राज्यमंत्री का दर्जा
सरकार ने कई बोर्ड निगमों के चेयरमैनों को कैबिनेट और राज्यमंत्री का दर्जा दिया था। कैबिनेट मंत्री के दर्जा वाले चेयरमैनों को वेतन 65 हजार और सत्कार भत्ता 55 हजार कुल एक लाख 20 हजार की राशि दी जा रही है। वहीं राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त अध्यक्षों को वेतन 62 हजार और सत्कार भत्ता 55 हजार कुल एक लाख 17 हजार की राशि हर माह दे रहे हैं। इससे राजकोष पर भी बोझ पड़ रहा है। यहीं नहीं कई चेयरमैनों के पास तो गनमैन की सुविधा भी चल रही है।