राठौड़ ने आज एक ट्वीट करते हुए बताया कि परिवार के सदस्यों सहित घर के कुल 7 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इनमें पत्नी, पुत्र व पोत्री सहित स्टाफ के अन्य सदस्य शामिल हैं। मैं अभी तक की जांच में कोरोना नेगेटिव हूं लेकिन पारिवारिक सदस्यों के पॉजिटिव आने के कारण पुनः जांच करवा रहा हूं।
राठौड़ ने कहा है कि भले ही अभी तक मेरी कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव है, लेकिन फिर भी स्वयं को आइसोलेट कर लिया है। इस कारण चूरू व बीकानेर में आगामी 3 दिन के सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए हैं। उपनेता प्रतिपक्ष ने विगत 3 दिन में संपर्क में आए सभी लोगों से एहतियात के तौर पर अपनी स्वास्थ्य जांच करवाने की अपील भी की।
अब कम्युनिटी स्प्रेड में कोरोना संक्रमण
प्रदेश में कोरोना संक्रमण अब कम्युनिटी स्प्रेड में पहुंच चुका है, जबकि दूसरी लहर में भी वायरस इतना तेजी से स्प्रेड नहीं हुआ था। अब हालत यह है कि किसी मरीज की कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग में मिलने वाली संक्रमण की चेन कई शाखाओं में बढ़ती जा रही है। प्रदेश में अब कोरोना के 74561 एक्टिव केस हैं। वहीं जांच की तुलना में अब पॉजिटिविटी रेट 20 प्रतिशत पर पहुंच गई है। यह दर संक्रमण की तीव्रता को बताती है।
हालांकि विशेषज्ञ लगातार इस लहर के ओमिक्रॉन वेरिएंट को माइल्ड बताते रहे हैं, लेकिन आगे भी यह ऐसा ही रहेगा, ऐसा दावा नहीं है। यानी कब यह रूप बदल ले, कहा नहीं जा सकता। बचने के लिए सिर्फ सतर्कता ही उपाय है।
17 जिले हाई रिस्क पर
प्रदेश के 17 जिलों में पॉजिटिविटी रेट 10 प्रतिशत से ज्यादा है। इनमें से भी 9 जिले ऐसे हैं, जहां पर जांच की तुलना में पॉजिटिविटी रेट 15 फीसदी से ज्यादा है। जयपुर, उदयपुर, अलवर, कोटा, जोधपुर, बीकानेर, भरतपुर, भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ की पॉजिटिविटी रेट 15 फीसदी से ज्यादा है। जयपुर और जोधपुर जिले में तो 24 फीसदी पॉजिटिविटी रेट है। पाली, सीकर, सवाईमाधोपुर, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, बाड़मेर, अजमेर और अलवर में भी संक्रमण दर बढ़ रही है।
कुछ बपाबंदियां जरूरी
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की कोविड—19 महामारी गाइडलाइन के अनुसार 10 फीसदी से ज्यादा पॉजिटिविटी रेट वाले इलाकों में कंटेनमेंट जोन बनाकर पाबंदियां लगाना जरूरी है। जबकि अब तक जिलों के स्तर पर कंटेनमेंट जोन बनाकर सख्ती नहीं की गई है।
अपनों के लिए समझें दायित्व
श्वास रोग विशेषज्ञ और मुख्यमंत्री के कोविड—19 महामारी सलाहकार डॉ. वीरेंद्र सिंह का कहना है कि अब संक्रमण कम्युनिटी स्प्रेड में है। यह संक्रमण भले ही माइल्ड हो, लेकिन अन्य गंभीर बीमारियों वालों के लिए यह खतरनाक साबित हो रहा है। यदि किसी को लक्षण हैं, तो हल्के में ना लें। भले ही ऐसे लोग जल्दी ठीक हो जाएं, लेकिन उनके सम्पर्क में आने वाले बुजुर्ग और अन्य बीमारियों के लोगों की जान जोखिम में डाल सकते हैं। इसलिए सजग रहें। टेस्ट करवाएं और आइसोलेट रहें।