राजस्थान के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है। मुख्यमंत्री पद के लिए जाति की नहीं बल्कि योग्यता की जरूरत होती है। बावजूद सचिन पायलट के बारे में बहुप्रचारित कर एक बड़ी जाति को गुमराह किया गया। वैसे यह पार्टी का अपना फैसला है, लेकिन जातिय तौर पर पद को बांटने की कोशिश उचित नहीं है। कांग्रेस ने पिछले 50 साल के राज में सरकारी मशीनरी और संवैधानिक संस्थाओं का दुप्रयोग किया है।
ठाकुरजी ने सुनी ली मेरी अर्जी रविवार को पूनिया ने कार्यकर्ता सम्मान समारोह के बाद बातचीत में कहा कि, जब से जयपुर आया, मेरी निष्ठा आराध्य देव गोविंद देव जी और शीला माता में रही है। मैं भी मतगणना वाले दिन गोविंद देव जी के दर्शन करने गया था। स्वाभाविक रूप से राजनेता ऐसे अवसर पर उनकी शरण लेते ही हैं। वहां पर मेरे से पहले और भी कई जीते हुए अर्जी लगाए हुए खड़े थे। मैंने भी ठाकुर से दरखास्त लगाई। वहां से निकलने के बाद मतगणना में जैसे-जैसे पेटियां खुली, जीतने वाले आउट होते हुए, लेकिन जिस तरह से परिणाम आए मेरी अर्जी ठाकुरजी ने स्वीकार कर ली। इसलिए आस्थाएं प्रबल होती है। मैं मानता हूं कि भगवान ने हमारी बात रखी, लाज रखी।
पार्टी चुनेगी नेता प्रतिपक्ष का नाम पूनिया ने कहा कि मुख्यमंत्री की शपथ के बाद विधानसभा की तारीख तय होने से पहले ही नेता प्रतिपक्ष का नाम तय हो जाएगा। पार्टी और विधायक ही योग्य विधायक को प्रतिपक्ष नेता के रूप में चुनेंगे।