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VIDEO : अशोक परनामी के इस्तीफ़े के बाद भाजपा को फिर लगा बड़ा झटका, अब इस दिग्गज ने छोड़ी भाजपा पार्टी

locationजयपुरPublished: Apr 22, 2018 06:39:36 pm

Submitted by:

rohit sharma

अशोक परनामी के इस्तीफ़े के बाद भाजपा को फिर लगा बड़ा झटका, अब इस दिग्गज ने छोड़ी भाजपा पार्टी
 

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जयपुर।

राजस्थान में अशोक परनामी के प्रदेशाध्यक्ष पद से इस्तीफ़ा देने के बाद भाजपा को एक और बड़ा झटका लगा है। अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय मंत्री रह चुके यशवंत सिन्हा ने भाजपा से इस्तीफ़ा दे दिया और भाजपा का साथ छोड़ दिया। भाजपा पार्टी में परनामी के प्रदेशाध्यक्ष पद से इस्तीफ़े के इस सप्ताह यशवंत सिन्हा का भाजपा छोड़ना पूरी पार्टी के लिए बड़ा झटका है। पार्टी के एक तरफ विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे है और दूसरी तरफ पार्टी में आए दिन इस्तीफा देने की खबरों से पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और पार्टी के बड़े नेता चुनावों की रणनीति भी तय नहीं कर पा रहे है।
आपको बता दें कि हाल ही में परनामी के प्रदेशाध्यक्ष पद से इस्तीफ़े के बाद भाजपा यूथ विंग महाराष्ट्र में कार्य कर रही मल्लिका राजपूत ने भी बीजेपी से इस्तीफ़ा दे दिया था। मल्लिका राजपूत भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सदस्य ओम माथुर के साथ भाजपा यूथ विंग महाराष्ट्र के लिए वर्षो से कार्य कर रही थी।

BJP छोड़ते वक़्त ये कहा यशवंत सिन्हा ने

यशवंत सिन्हा ने कहा कि ‘मैं भाजपा से अपने सारे रिश्ते खत्म करता हूं।’ यशवंत सिन्हा ने मंच से अपने संबोधन के दौरान कहा कि ‘मैं आज के बाद किसी दल के साथ नहीं रहूंगा न ही मेरा किसी भी दल से कोई रिश्ता रहेगा।’

4 साल की नाराजगी के बाद सिन्हा ने छोड़ी पार्टी

आपको बता दें कि शनिवार को पूर्व वित्त मंत्री और वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने भाजपा छोड़ दी। हालांकि उनके बीजेपी छोड़ने पर पार्टी ने किसी तरह की कोई हैरानी नहीं जताई है। भाजपा ने कहा कि पार्टी ने उन्हें (यशवंत) बहुत कुछ दिया, लेकिन वे पिछले कुछ सालों से एक कांग्रेसी नेता की तरह पेश आ रहे थे। यशवंत सिन्हा चार से अपनी पार्टी से नाराज चल रहे थे। पटना में शनिवार को राष्ट्र मंच के अधिवेशन में पार्टी छोड़ने का ऐलान किया। उन्होंने आरोप लगाया कि आज लोकतंत्र खतरे में है।
इन बड़े पदों पर रह चुके हैं सिन्हा

यशवंत सिन्हा ने भारतीय प्रशासनिक सेवा में कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है। अपने 24 साल के लम्बे कार्यकाल में उन्होंने कई प्रतिष्ठित पदों पर कार्य किया। वो भारत सरकार के वाणिज्य मंत्रालय में उप सचिव के पद पर नियुक्त किये गए। उन्होंने भारत सरकार के भूतल परिवहन मंत्रालय में संयुक्त सचिव का पद संभाला और बंदरगाह, पोत परिवहन और सड़क परिवहन के सम्बंधित मामलों पर काम किया। 1984 में यशवंत सिन्हा ने भारतीय प्रशासनिक सेवा से इस्तीफ़ा दे दिया और जनता पार्टी में शामिल हो गए। 1990-1991 के दौरान वे चंद्रशेखर सरकार में वित्त मंत्री बनाये गए। यशवंत सिन्हा अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मार्च 1998 से मई 2002 तक वित्त मंत्री रहे और बाद में 2004 के अंत तक विदेश मंत्री रहे। 2004 लोकसभा चुनाव में हजारीबाग से वह चुनाव हार गए। उसके बाद सक्रिय राजनीति से उनकी दूरी बढ़ती गई।

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