उबल पड़े भाजपा नेता, एकसाल में कौनसा तीर मारा बताए कांग्रेस
जयपुरPublished: Dec 09, 2019 12:48:53 am
राज्य सरकार पर बोला तीखा हमला
उबल पड़े भाजपा नेता, एकसाल में कौनसा तीर मारा बताए कांग्रेस
जयपुर में चतुर्वेदी बोले : जनता के काज ठप, सिर्फ अराजकता फैली
जयपुर. राज्य की कांग्रेस सरकार अपना एक साल पूरा होने के उपलक्ष्य में जहां विभिन्न कार्यक्रमों की तैयारी में जुटी है, वहीं भाजपा उसे घेर रही है। भाजपा ने आरोप पत्र जारी कर रविवार को कांग्रेस सरकार पर जमकर हमला बोला। राज्य में विभिन्न स्थानों पर भाजपा नेताओं ने कहा कि कांग्रेस सरकार के एक साल में जनता का कोई काम नहीं हुआ बल्कि अराजकता फैली है।
पार्टी के प्रदेश कार्यालय पर भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी ने कहा, कांगे्रस सरकार युवा, महिला और किसान विरोधी है। अपने घोषणा पत्र में कांग्रेस ने बेरोजगार युवाओं को हर माह 3 हजार रुपए बेरोजगारी भत्ता देने, किसानों का सम्पूर्ण कर्ज माफ करने का वादा किया लेकिन दोनों वादे पूरे नहीं किए। कांग्रेस सरकार के एक वर्ष के कार्यकाल में महिला अपराध 65 प्रतिशत बढ़ गए। दलित अत्याचार 46 प्रतिशत बढ़े हैं। भ्रष्टाचार और आर्थिक अपराधों में राजस्थान देश में टॉप पर पहुंच गया है। यह स्थिति चिन्ताजनक है।
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जोधपुर में शेखावत बोले : गहलोत बताएं, उन्होंने 40 साल तक कौनसे धन से चुनाव लड़े
जोधपुर. चुनाव कालेधन के जरिए होते हैं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इस बयान पर केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्रसिंह शेखावत ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, नए हाईकोर्ट भवन के उद्घाटन समारोह जैसे मंच से ऐसी बात कहना ठीक नहीं। गहलोत पहले यह जवाब दें कि 40 साल से राजनीति में उन्होंने जो चुनाव लड़े या अपने पुत्र को लड़वाया, उनमें कौनसे कालेधन या चंदे से पैसा जुटाया था।
शेखावत ने यहां सर्किट हाउस में रविवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा, दूसरों पर कीचड़ उछालने से पहले खुद का आंकलन करना चाहिए। राजनीतिक चंदे में शुचिता लाने के लिए मोदी सरकार ने नकदी की सीमा घटाई, चुनावी अनुबंध (बॉन्ड) लाई। जबकि उनकी पार्टी इसका भी विरोध कर रही है। हकीकत यह है कि कांग्रेस के आधे से ज्यादा नेता जमानत पर हैं। उनके भ्रष्टाचार के रास्ते बंद हो गए हैं। सीएम ने न्यायिक व्यवस्था पर जो सवाल खड़े किए, उनका जवाब सीजेआइ एसए बोबड़े ने बखूबी उसी मंच से दे दिया। शेखावत ने 60 लाख किसानों की कर्जमाफी का दावा करने वाली कांग्रेस सरकार अब इसमें गलियां निकाल रही है। राज्य में 27 लाख किसानों को फसल बीमा से वंचित कर दिया। न्याय आपके द्वार योजना बंद कर दी।
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उदयपुर में कटारिया बोले : विकास ठप हुआ, अब अपराध-भ्रष्टाचार का बोलबाला
उदयपुर. राज्य की कांग्रेस सरकार का इस माह एक साल पूरा होने के मद्देनजर भाजपा ने आरोप पत्र जारी कर विभिन्न मुद्दों पर घेरना शुरू कर दिया है। इसी के तहत रविवार को यहां पार्टी कार्यालय में विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने अशोक गहलोत सरकार पर हमला बोला।
पत्रकारों से बातचीत में कटारिया ने कहा, एक साल में प्रदेश का विकास ठप हो गया है। जन कल्याण से जुड़ी योजनाएं ठंडे बस्ते में डाल दी गई हैं। भामाशाह योजना का पैसा जारी नहीं किया जा रहा है। इससे कई अस्पतालों ने इलाज करना बंद कर दिया। केन्द्र की आयुष्मान योजना, किसानों की सम्मान निधि योजना को प्रत्युत्तर नहीं दिया जा रहा है। एक साल में विकास के 20 प्रतिशत काम हो जाने चाहिए लेकिन कांग्रेस के नेता अपनी-अपनी कुर्सी बचाने में लगे हैं। राज्य में अपराधों का ग्राफ 44 प्रतिशत बढ़ गया है। महिला अपराध में 68 प्रतिशत, आर्थिक अपराधों व भ्रष्टाचार में हम एक नम्बर पर आ गए हैं। यह शर्मनाक है। नौजवानों से किए गए वादे पूरे नहीं किए जा रहे हैं। कटारिया ने कहा, भाजपा सरकार ने पंचायत राज चुनाव लडऩे के लिए शिक्षा की अनिवार्यता लागू की लेकिन कांग्रेस सरकार ने अनपढ़ लोगों के लिए रास्ता खोलने का निर्णय कर अपनी मंशा फिर जता दी। सरकार अपने सरपंच-प्रधान बनाने के लिए नियमों को तोड़-मरोड़ती रही है।
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बीकानेर में राठौड़ ने कहा : एक साल में गांवों तक एक पैसा भी नहीं पहुंचा
बीकानेर. विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष और भाजपा के वरिष्ठ नेता राजेन्द्र राठौड़ रविवार दोपहर बीकानेर पहुंचे। उन्होंने आरोप लगाया कि केन्द्र और राज्य मद से सरकार ने एक साल में एक पैसा भी ग्राम पंचायतों तक नहीं पहुंचाया। जबकि केन्द्रीय वित्त आयोग से 1840 करोड़ रुपए आए एक महीना हो गया है।
राठौड़ ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि राजस्थान में सरकार के बजट में टैक्स रेवन्यू का 73 हजार 400 करोड़ का अनुमान रखा गया। प्रदेश में अकेले वेतनभार, पेंशन और ब्याज अदायगी के लिए ही 1 लाख 40 हजार करोड़ रुपए की आवश्यकता है। प्रदेश सरकार वेतन, पेंशन भी नहीं चुका पा रही है। ऐसे में मुख्यमंत्री केन्द्र सरकार से सहयोग नहीं मिलने की बातें कर रहे हैं। राठौड़ ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार ने 73 वें संविधान संशोधन से राज्य वित्त आयोग और केन्द्र वित्त आयोग की राशि सीधे ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद को देने की व्यवस्था की। केन्द्रीय वित्त आयोग से 1840 करोड़ 50 लाख रुपए की किस्त 5 नवम्बर को जारी की लेकिन राज्य ने ग्राम पंचायतों के खाते में राशि नहीं डाली। राठौड़ ने कहा कि सरकार ने पंचायतों का पुनर्गठन भी राजनीतिक दृष्टि से किया। प्रदेश में 12 जिलों में एक भी नई पंचायत समिति नहीं बनी। दूसरी तरफ सभी मापदंड तोड़कर सबसे छोटे दौसा जिले में 5 नई पंचायत समिति बना दी। इस दौरान विधायक सिद्धि कुमारी भी मौजूद थीं।