तीन सीटों पर भाजपा की हार की सच्चाई जान पैरों तले जमीन खिसक गई भाजपा नेताओं की……पढिए पूरी खबर में—आखिर उपचुनाव हार का सबसे बडा विलेन कौन
तीन सीटों पर भाजपा की हार की सच्चाई जान पैरों तले जमीन खिसक गई राजस्थान के भाजपा नेताओं की……पढिए पूरी खबर में—आखिर उपचुनाव हार का सबसे बडा विलेन कौन राजस्थान में पांच महीने पले तीन सीटों पर हुए उपचुनाव की हार के सदमे से अभी भी बाहर नहीं आई है और लगातार हुई समीक्षाओं के बाद हार का जो बडा कारण सामने आया है उससे पार्टी अंदर तक हिल गई है। पार्टी पदाधिकारियों की माने तो पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के निर्देश पर प्रदेश में 51 हजार 21 सदस्यीय बूथ समितियां के गठन में ‘गलत’ लोगों का चयन कर लिया गया।
जिससे उपचुनाव में बूथ समितियां पूरी तरह से निष्क्रिय रही। अब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के अगले महीने प्रस्तावित प्रवास को देखते हुए प्रदेश सभी 51 हजार बूथ समितियों का सत्यापन किया जा रहा है। सत्यापन की रिपोर्ट इसी महीने के अंत तक शीर्ष नेतृत्व को सौंपी जाएगी।
प्रदेश में अलवर—अजमेर लोकसभा उपचुनाव और मांडलगढ विधान सभा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशियों की करारी हार हुई। हार के बाद कारणों पर मंथन किया गया। कई महीनों तक चले मंथन में सामने आया कि हार का सबसे बडा कारण बूथ समितियों में ‘गलत’ लोगों का चयन किया गया। ऐसे गलत लोग उपचुनाव के समय पूरी तरह से निश्चिक्रिय रहे और उपचुनाव के दौरान बूथ पर मेहनत ही नहीं की। जिससे पार्टी को ऐसे परिणामों का सामना करना पडा।
पार्टी सूत्रों के अनुसार 51 हजार बूथ समितियों के सत्यापन में यह भी पता लगाया जा रहा है कि बूथ पर बनी 21 सदस्यीय समितियों में प्रत्येक सदस्य की भूमिका उपचुनाव के दौरान क्या रही। उपचुनाव के समय कितनी बार सदस्य मतदान केन्द्र पर गए, कितनी बार उन्होंने मतदाताओं से सम्पर्क किया और कितनी बाद बडे पदाधिकारियों को अपने माध्ययम से मतदान केन्द्र पर मतदान की घटत बढत की जानकारी दी। पार्टी पदाधिकारियों का कहना है कि सत्यापन से परिणामों के आधार पर ही विधान सभा चुनाव से पहले फिर से बूथ समितियों का गठन होगा।
सूत्रों का कहना है कि सत्यापन का काम 29 मई तक पूरा होगा। इसके बाद प्रदेश भाजपा कार्यालय पर बडी बैठक होगी। जिसमें प्रदेश प्रभारी, जिला प्रभरी,विधान सीाा के सभी बूथ निर्माण प्रभारी मौजूद रहेंगे। पार्टी पदाधिकारियों का कहना है कि सत्यापन की रिपोर्ट संगठन महामंत्री चन्द्रशेखर को दी जाएगी और फिर रिपोर्ट केा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष
अमित शाह के अगले माह हो रहे प्रस्तावित दौरे के दौरान उनके समक्ष रखा जाएगा।