जयपुर

लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा ने चला ये दाव

केंद्रीय नेतृत्व की भी हरी झंडी मिली

जयपुरFeb 22, 2019 / 10:00 am

Mridula Sharma

जयपुर. लोकसभा चुनाव के नजदीक आते ही भाजपा चुनावी जीत के गुणा-भाग में जुट गई है। पार्टी की पहली नजर ऐसे दमदार बागियों पर है, जिन्होंने विधानसभा चुनावों में पार्टी छोड़कर अपने दम पर बड़ी संख्या में वोट लिए और दूसरे या तीसरे नम्बर पर रहे। चुनावों से पहले ही कुछ नेता तो पार्टी छोड़ गए थे और कुछ टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर साथ चले गए। इनमें घनश्याम तिवाड़ी, पूर्व मंत्री सुरेन्द्र गोयल, हेमसिंह भड़ाना, राजकुमार रिणवां, धनसिंह रावत सहित ऐसे बीस से ज्यादा नेता हैं।
संगठन महामंत्री रामलाल पिछले दिनों दौरे पर आए थे। उन्होंने बिछड़े लोगों को फिर से जोडऩे के काम पर ध्यान देने की बात कही। केन्द्रीय नेतृत्व से हरी झंडी मिलने के बाद जल्द ही भाजपा से छिटके नेताओं के वापसी के आसार बनने लगे हैं। हालांकि इन नेताओं की घर वापसी किस मापदंड के तहत होगी, इसे लेकर अभी मंथन चल रहा है। इतना जरूर तय किया गया है कि जिन बागियों को पुन: पार्टी में शामिल किया जाएगा, उनकी कोई शर्त नहीं मानी जाएगी।
बगावत कर बाहर हुए थे ये नेता
सुरेन्द्र गोयल-जैतारण, राजकुमार रिणवां-रतनगढ़, हेमसिंह भड़ाना-थानागाजी, धनसिंह रावत-बांसवाड़ा, सुरेश टांक-किशनगढ़, ओम प्रकाश हुड़ला-महुवा, देवेन्द्र कटारा-डूंगरपुर, लक्ष्मीनारायण दवे-मारवाड़ जंक्शन, नंदलाल बंशीवाल-दौसा, नवनीत लाल नीनामा-घाटोल, जीवाराम चौधरी-सांचौर, बालचंद अहीर-रामगंजमंडी, राधेश्याम गंगानगर-श्रीगंगानगर, प्रहलाद राय टाक-श्रीगंगानगर, कुलदीप धनखड़-विराटनगर, अनिता कटारा-सागवाड़ा, किसनाराम नाई-श्रीडूंगरगढ़, दीनदयाल कुमावत-फुलेरा, देवी सिंह शेखावत-बानसूर, निशिथ(बबलू) चौधरी-झुंझुनूं, सुखराम कोली-बसेड़ी, ओम नरानीवाल-भीलवाड़ा, उदयलाल भडाना-माण्डल।
विधायक बने नेताओं के आने के आसार नहीं
किशनगढ़ से बागी होकर चुनाव लड़े सुरेश टांक चुनाव जीतकर विधानसभा पहुंच गए हैं, वहीं ओमप्रकाश हुड़ला भी निर्दलीय चुनाव लड़कर विधानसभा तक पहुंच चुके हैं । इसी तरह तिजारा से भाजपा से बागी होकर चुनाव लड़े संदीप यादव भी विधायक बन चुके हैं। ऐसे में इनका पार्टी में आने की संभावना फिलहाल नहीं के बराबर है।
मिशन 25 को लेकर हलचल
भाजपा की कोशिश मिशन 25 का लक्ष्य हासिल करना है। इसके लिए पार्टी मंथन कर रही है और इसी के मद्देनजर बागी नेताओं को पार्टी में लाने की कोशिशें शुरू हुई हैं।
इन बागियों ने किया दमदार प्रदर्शन
– टिकट नहीं मिलने से नाराज होकर यूआइटी चैयरमेन अलवर के पद से इस्तीफा देकर देवी सिंह शेखावत बानसूर से चुनाव लड़े। शेखावत यहां 47 हजार 736 वोट लेकर दूसरे नम्बर पर रहे और भाजपा प्रत्याशी तीसरे नम्बर पर रहे।
– थानागाजी से पूर्व मंत्री हेम सिंह भड़ाना को टिकट नहीं मिला, वे बागी होकर निर्दलीय खड़े हो गए और 34 हजार 729 वोट लेकर दूसरे नम्बर पर रहे। यहां भी भाजपा प्रत्याशी तीसरे नम्बर पर रहा।
– विराटनगर विधानसभा से पूर्व प्रदेश महामंत्री कुलदीप धनकड़ बागी होकर चुनाव लड़े। धनकड़ 40 हजार 60 वोट लेकर दूसरे नम्बर पर रहे। यहां भाजपा प्रत्याशी अपनी जमानत भी नहीं बचा सके।

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