कार्यकर्ताओं की बैठक में रिणवा ने शेक्सपियर की बात का जिक्र करते हुए कहा कि यदि अन्याय होता है तो सारे नियम तोड़ देने चाहिए। अन्याय सहन करने वाला आदमी अन्याय करने वाले से ज्यादा बड़ा अपराधी होता है। उन्होंने कहा कि क्या कारण है कि मेरी टिकट काटी गई।
रिणवा शनिवार सुबह दस बजे समर्थकों के साथ नामांकन दाखिल करने जाएंगे। गोदारा समर्थक बैठक में रहे मौजूद जिस समय रिणवा के कार्यकर्ताओं की बैठक चल रही थी। उस दौरान कांग्रेस नेता पूसाराम गोदारा के समर्थक भी बैठे थे। इस दौरान रिणवा ने कहा कि वे विपक्ष के पूसाराम गोदारा से मिलकर उनसे बात करेंगे।
रिणवा ने इसलिए छोड़ी थी कांग्रेस देवस्थान राज्य मंत्री रिणवा मूल रूप से कांग्रेस के कार्यकर्ता रहे हैं। 2003 के चुनाव में उन्होंने पार्टी में की सेवा का उल्लेख करते हुए कांग्रेस से टिकट मांगी थी। लेकिन कांग्रेस के दिग्गज नेता व गांधी परिवार के नजदीक माने जाने वाले पं.जयदेव प्रसाद इंदौरिया के कारण उन्हें टिकट नहीं मिल पाई थी। ऐसे में रिणवा ने पार्टी से बगावत कर निर्दलीय मैदान में ताल ठोक दी थी।
इधर भाजपा के दिग्गज नेता व पूर्व उप मुख्यमंत्री हरिशंकर भाभड़ा चुनाव मैदान में थे। दोनों दिग्गज नेताओं से नाराजगी होने से जनता को विकल्प मिला और जनता ने निर्दलीय प्रत्याशी रिणवा को विजयी बना दिया। रिणवा पहली बार खाता खोलकर विधानसभा में पहुंचे। 2008 मेें भाजपा की ली सदस्यता रिणवा ने 2008 के चुनाव में भाजपा शामिल हुए और चुनाव लड़कर जीता। 2013 में फिर भाजपा ने उन पर विश्वास जताया और जीत दर्ज की। अब 2018 में अब फिर से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में पर्चा दाखिल करेंगे।
भाजपा प्रत्याशी पर कसा तंज रिणवा ने अपने भाषण में भाजपा प्रत्याशी का नाम लिए बिना कहा कि जो लोग पांच दिन पहले ये कहा करते थे कि रतनगढ़ 20 साल पीछे चला गया। अब व वे टिकट लेकर आ गए। वे अपने भाषणों क्या कहेंगे। ये काम पूरा नहीं होने का मलाल रिणवा ने कहा कि पांच चार काम लंबित रह गए। उन्होंने बताया कि जहां से रेल लाइन हटाई है। वहां गार्डन बनाने,सीवरेज लाइन कार्य अधूरा रह गया। आठ करोड़ के इंडोर स्टेडियम का कार्य अधूरा रह गया है।