भाजपा के मंत्री और विधायक फील्ड में, कांग्रेस में रोडमैप तक नहीं बना
भाजपा विधान सभा चुनाव से पहले डैमेज कंट्रोल में जुटी
कांग्रेसी नेता फील्ड के बजाय कर रहे हैं दिल्ली के दौरे
पार्टी के अधिकाशं नेता अपने कामों में व्यस्त
जयपुर।
प्रदेश में आगामी विधान सभा चुनाव से पहले भाजपा सरकार ने डैमेज कंट्रोल करना शुरू कर दिया है। सरकार के मंत्री और विधायक दस—दस दिन तक अपने अपने विधान सभा क्षेत्रों में रह कर सरकार के प्रति उपचुनाव में उपजे असंतोष की थाह लेने में जुटे है। लेकिन प्रदेश कांग्रेस इस मामले में भाजपा से पीछे नजर आ रही है। कांग्रेसी नेताओं के पास आगामी विधान सभा चुनाव के लिहाज से कोई रोड मैप नहीं है। इतना ही नहीं पार्टी के बडे नेता अभी
जयपुर दिल्ली के दौरे करने में ही व्यस्त है। वहीं कांग्रेस के अधिकांश बडे नेता अपने कामों में व्यस्त है।
प्रदेश में तीन सीटों पर भाजपा की करारी हार के बाद भाजपा ने इस हार को हाथों हाथ लिया है और युदद स्तर पर डैमेज कंट्रोल करना शुरू कर दिया है। मंत्रियों और विधायकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे हर हाल में दस दस दिन अपने अपने विधान सभा क्षेत्रों में रहें और वहां पार्टी और सरकार के प्रति उपजी नाराजगी और एंटीइनकमबेंसी की थाह ली जा रही है जिससे विधान सभा चुनाव से पहले सब कुछ ठीक किया जा सके। वहीं मुख्यमंत्री
वसुंधरा राजे भी खुद 6 अप्रेल से सीकर के नीमका थाना और खंडेला से अपने चुनावी अभियान की शुरूआत कर कर सकती है।
उधर चुनाव से पहले होने वाली कवायदों में प्रदेश कांग्रेस भाजपा के सामने बौनी साबित हेा रही है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी ओर से जंबो कार्यकारिाणी के पदाधिकारियों को आगामी विधान सभा चुनाव के लिहाजा से कोई टास्क नहीं दिया गया है। पार्टी के अधिकांश वरिपष्ठ नेता इन दिनों जयपुर से दिल्ली के दौरे में व्यसत है। कभी कभार प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे जयपुर आते हें तो एक दो घंटे की बैठक हेाती है लेकिन उनके जाते ही पार्टी के नेता अपने कामों में व्यस्त हो जाते है। पार्टी के कुछ वरिष्ठ पदाधिकारियों का कहना है कि विधान सभा चुनाव में अब कम समय रह गया है और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का यह रवैया चुनाव में पार्टी की गणित खराब कर सकता है।