बैठक में प्रदेश में कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए भाजपा विधायकों ने अपना एक महीने का वेतन मुख्यमंत्री सहायता कोष में देने के साथ ही एक-एक लाख रुपए मास्क और सेनेटाइजर के लिए देने का निर्णय लिया। इसके लिए भाजपा विधायकों से स्वीकृति पत्र पर हस्ताक्षर भी कराए गए। बैठक में नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां और उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ के साथ ही कई भाजपा विधायक और भाजपा के राज्यसभा उम्मीदवार राजेंद्र गहलोत और ओंकारसिंह लाखावत भी प्रदेश भाजपा मुख्यालय पहुंचे।
पहले जांच फिर एंट्री बैठक से पहले भाजपा मुख्यालय पहुंचे सभी नेताओं और कर्मचारियों का थर्मल स्कैनर से टेंपरेचर लिया गया। उन्हें सेनेटाइज किया गया, ताकि संक्रमण का कोई खतरा नहीं हो। वायरस का ही प्रकोप था कि पहले सभी विधायकों को एक साथ बैठाना था, लेकिन बाद में पांच से सात के समूह में विधायक पहुंचे। यही नहीं सभी विधायक बैठक के दौरान एक-दूसरे से दूरी बनाकर भी बैठे।
हमारे सीएम के आदेश का अन्य राज्यों ने किया अनुसरण बैठक के बीच में ही कटारिया ने पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के लॉक डाउन के निर्णय की तारीफ की और कहा कि हमारे सीएम ने सबसे पहले निर्णया किया, जिसका सभी राज्यों ने अनुसरण किया। कटारिया ने कहा कि प्रदेश कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकना पहली प्राथमिकता है। लॉक डाउन के चलते कोरोना का प्रकोप थमा है। कोरोना वायरस से बचने का सबसे अच्छा तरीका सोशल डिस्टेंसिंग है। उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में भाजपा विधायकों ने अपना एक महीने का वेतन मुख्यमंत्री सहायता कोष में देने के साथ ही एक—एक लाख रुपए मास्क और सेनेटाइजर के लिए देने का निर्णय लिया है।