जयपुर

भाजपा को बगावत का डर, प्रभारी सीधे बांटेंगे सिम्बल

प्रदेश में पिछले दिनों हुए निकाय चुनाव में भाजपा को बड़ी हार का सामना करना पड़ा था। इससे सबक लेते हुए इस बार पार्टी ने 90 नगरीय निकाय में होने वाले चुनाव में इस बार तय किया है कि प्रत्याशियों के नामों का ऐलान जयपुर में नहीं किया जाएगा।

जयपुरJan 13, 2021 / 08:49 pm

Umesh Sharma

भाजपा को बगावत का डर, प्रभारी सीधे बांटेंगे सिम्बल

जयपुर।
प्रदेश में पिछले दिनों हुए निकाय चुनाव में भाजपा को बड़ी हार का सामना करना पड़ा था। इससे सबक लेते हुए इस बार पार्टी ने 90 नगरीय निकाय में होने वाले चुनाव में इस बार तय किया है कि प्रत्याशियों के नामों का ऐलान जयपुर में नहीं किया जाएगा। सूची सीधे प्रभारी व निकाय प्रभारी को सौंपी जाएगी। प्रभारी अपने प्रभार वाले जिलों और निकायों में प्रत्याशियों को सिम्बल का वितरण करेंगे। भाजपा मुख्यालय पर बुधवार को निकाय चुनावों को लेकर हुई बैठक में यह फैसला किया गया। यह मंथन दो दिन तक चलेगा, जिसमें सभी 90 निकायों के प्रत्याशियों के नाम फाइनल किए जाएंगे।
बैठक में हर जिले से अपेक्षित नेताओं और पदाधिकारियों को बुलाया गया था। स्थानीय जनप्रतिनिधि अपने साथ तीन नामों के पैनल भी लाए थे। ज्यादातर निकायों में इन्हीं पैनल में से नाम फाइनल किए जाएंगे। गुरुवार को प्रतापगढ़, बूंदी और हनुमानगढ़ जिले से जुड़े निकायों के प्रत्याशियों के नाम फाइनल किए जाएंगे। बैठक में केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, राष्ट्रीय मंत्री डाॅ. अलका गुर्जर, प्रदेश संगठन महामंत्री चन्द्रशेखर, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचन्द कटारिया ने निकायों के प्रभारियों, जिलाध्यक्ष और जिला प्रभारी शामिल हुए। बैठक में प्रदेश महामंत्री सुशील कटारा, भजनलाल शर्मा, प्रदेश मंत्री जितेंद्र गोठवाल, राज्यसभा सांसद राजेन्द्र गहलोत, सिरोही-जालौर सांसद देवजी पटेल सहित प्रमुख नेता भी मौजूद रहे।
भ्रष्टाचार और बिगड़ी कानून व्यवस्था होगी मुद्दा

बैठक के बाद पूनियां ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पार्टी के पदाधिकारी और कार्यकर्ता पूरी एकजुटता के साथ निकाय चुनाव की तैयारियों में जुटे हैं। कांग्रेस सरकार ने परिसीमन और सरकारी तंत्र का दुरुपयोग कर षड्यंत्र करने की कोशिश की, जिसे भाजपा कार्यकर्ता अपने परिश्रम से सफल नहीं होने देंगे। पूनियां ने कहा कि कांग्रेस सरकार के दो साल के कुशासन में भ्रष्टाचार, बिगड़ी हुई कानून व्यवस्था, बेरोजगारी, सम्पूर्ण किसान कर्जमाफी प्रमुख मुद्दे हैं, जो चुनाव में भाजपा उठाएगी। शहरी निकायों में विकास कार्य ठप हैं, एक भी नया टेण्डर नहीं होना गहलोत सरकार की कमजोरी का प्रत्यक्ष प्रमाण है।
Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.