बताया जा रहा है कि इनमें ज्यादातर नेता पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे खेमे के हैं। नेताओं के नाम तो सामने नहीं आए, लेकिन प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने जहां पार्टी को लगेगा, कार्रवाई करेंगे। नेताओं को अनर्गल बयानबाजी से बचना चाहिए। कार्रवाई कब होगी इसके लिए देखते रहिए आज तक, इंतजार कीजिए कल तक। पूनियां के इस बयान से साफ हो गया है कि इस बार पार्टी सख्ती करेगी। ताकि इस तरह की बयानबाजी को रोका जा सके। आपको बता दें कि प्रभारी अरुण सिंह ने पिछले दिनों दो दिन का जयपुर प्रवास किया था। इस दौरान कई नेताओं की अनर्गल बयानबाजी के मामले सामने आए थे। प्रभारी ने ऐसे बयानबाजी कर रहे नेताओं की सूची बनाने के निर्देश दिए थे। इस सूची के आधार पर ही रोहिताश्व शर्मा को नोटिस दिया गया है।
नोटिस देने के पीछे एक वजह ये भी पार्टी की ओर से बयानवीर नेताओं को नोटिस देने के पीछे कई वजह सामने आ रही है। इसमें एक वजह यह है कि नोटिस मिलने के बाद अन्य नेता बयानबाजी से बचेंगे, ताकि सार्वजनिक तौर पर पार्टी की अंदरूनी खींचतान को रोका जा सकेगा। दूसरा कई नेता अंदरखाने संगठन के खिलाफ भी रणनीतियां बना रहे हैं। नोटिस मिलने के बाद इस तरह की गतिविधियों को रोका जा सकेगा। साथ ही उन लोगों के भी मुंह बंद होंगे जो बयानबाजी करने वाले नेताओं पर कार्रवाई नहीं होने से संगठन पर सवाल उठा रहे थे।
मध्यावधि चुनाव पर नजर तो नहीं राजस्थान में कांग्रेस सरकार का ढाई साल का वक्त पूरा हो चुका है। कांग्रेस में खींचतान चरम पर है। मंत्रिमंडल गठन और राजनीतिक नियुक्तिों को लेकर लगातार बयानबाजी के दौर चल रहे हैं। भाजपा नेता दावा कर रहे हैं कि जिस दिन मंत्रिमंडल विस्तार होगा, सरकार गिरेगी। इसी वजह से केंद्रीय नेतृत्व गुटबाजी को खत्म करने पर जोर दे रहा है। अब नोटिस के जरिए पार्टी की मुखालफत करने वाले नेताओं तक पार्टी आलाकमान का निर्देश पहुंच जाएगा।