scriptbjp rajasthan news | हमारी सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे तो हम सत्ता से बाहर हो गए— पूनिया | Patrika News

हमारी सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे तो हम सत्ता से बाहर हो गए— पूनिया

locationजयपुरPublished: Nov 19, 2021 10:50:44 am

 

 

पूनिया बयान तो दे रहे थे गोविन्द सिंह डोटासरा पर, लेकिन भाजपा की पूर्ववर्ती सरकार को ही घेर बैठे

हमारी सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे तो हम सत्ता से बाहर हो गए— पूनिया
हमारी सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे तो हम सत्ता से बाहर हो गए— पूनिया
अरविन्द सिंह शक्तावत
जयपुर।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के शिक्षकों से तबादले में पैसे चलने के सवाल ने विपक्ष को बड़ा मुद्दा दे दिया है, लेकिन यह मद्दा गुरूवार को खुद भाजपा के लिए भारी पड़ गया। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया मीडिया में बयान देकर शिक्षा मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा का इस्तीफा मांग रहे थे, लेकिन इस दौरान वे अपनी ही पूर्ववर्ती भाजपा सरकार को भी भ्रष्टाचार के मामले में घसीट गए। बाद में उन्होंने मामले को भी संभाला, लेकिन तब तक वे अपनी सारी बात कह चुके थे।
हुआ यूं कि सतीश पूनिया गोविन्द सिंह डोटासरा से इस्तीफा लेने की मांग कर रहे थे और कह रहे थे कि इस मामले की जांच एसीबी को करनी चाहिए। इसी बीच उनसे यह सवाल किया गया कि भाजपा सरकार में मंत्री रहे कालीचरण सराफ और वासुदेव देवनानी पर भी इसी तरह के आरोप लगे थे। पूनिया इस पर तपाक से बोल गए कि आरोप लगे तो हम सत्ता से बाहर हो गए। कोई ना कोई कमजोरी रही होगी, उन कमजोरियों के कारण हम सत्ता में नहीं आ पाए। इसके बाद उन्होंने कांग्रेस सरकार पर आरोप लगाना शुरू कर दिया। बाद में उन्होंने मामले को संभाले हुए कहा कि हमारी जो कमियां रही है, उनको दुरूस्त करेंगे। साथ ही यह भी कहा कि हम पर जो आरोप लगे थे, उनका कोई आधार नहीं था। यहां तो सब मुख्यमंत्री के सामने हुआ है।

पूनिया ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने जो गलत काम किए हैं, उससे अब वह सत्ता में नहीं आएगी। यहां तो मुख्यमंत्री की मौजूदगी में ट्रांसफर के लिए पैसे देने की बात अध्यापकों ने स्वीकार की हैं और मुख्यमंत्री कहते हैं कमाल हैं। भगवान ना करें ऐसे कमाल ज्यादा हों।
गहलोत के रहते बाकी का रह पाना मुश्किल
मुख्यमंत्री के अध्यापकों से पूछे गए सवाल को पूनिया ने अंदरूनी सियासत को कारण माना। उन्होंने कहा कि सीएम गहलोत का 40 साल का अनुभव है, वो भोलेपन में नहीं कह सकते हैं। कांग्रेस की अंदरूनी सियासत भी कारण हो सकता हैं। अगर उन्होंने ईमानदारी से कहा है तो महापुरुषों की गिनती में आ ही जाएंगे। उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत के रहते बाकी का रह पाना मुश्किल की है।
Copyright © 2023 Patrika Group. All Rights Reserved.