लादूलाल पितलिया ने भाजपा प्रत्याशी के रूप में दावेदारी जताई थी, लेकिन टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने निर्दलीय के रूप में नामांकन पत्र भरा था। लादूलाल पिलिया को 10 फरवरी को सहाड़ा उपचुनावों का हवाला देकर ही वापस भाजपा में लिया गया था। उनके बागी होने से पार्टी के वरिष्ठ नेता पितलिया को मनाने की कवायद में जुटे हुए थे।
लादूलाल पितलिया नवंबर 2018 तक भाजपा में थे। बगावत पर आए तो इन्हें पार्टी से निकाल दिया गया। दिसंबर 2018 में निर्दलीय चुनाव लड़े. विधानसभा चुनाव में 30,573 वोट मिले। 10 फरवरी 2020 में फिर घर वापसी हुई, लेकिन टिकट नहीं मिलने पर 46 दिन बाद फिर पितलिया बगावत की राह पर उतर गए। ऐसे में आज नामांकन वापस लेने पर भाजपा ने राहत की सांस ली है।