प्रदेशाध्यक्ष डॉ सतीश पूनिया की माने तो प्रत्याशियों के नामों पर कई स्तर पर मंथन हो चुका है। उपचुनाव प्रभारियों के फीडबैक के अलावा पार्टी की ओर से करवाए गए आतंरिक सर्वेक्षण के आधार पर प्रत्याशियों का पैनल तैयार किया गया है। अब कोर कमेटी में शामिल वरिष्ठ नेताओं से राय-मशवरा कर एक-एक नाम पर सहमति बनाए जाने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।
नामांकन भरने की आखिरी तारिख 30 मार्च है। ऐसे में भाजपा के पास अभी 6 दिन का वक्त है। नामों की घोषणा के बाद पार्टी में किसी तरह का अंदरूनी विवाद या असंतोष ना हो, इसके लिए नामांकन के आखिरी दिन तक नामों की घोषणा की परम्परा भी रही है। ऐसे में किसी नाम पर विवाद या एकराय नहीं बन पाने की परिस्थिति में प्रत्याशियों के नामों की घोषणा का इंतज़ार एक-दो दिन के लिए और बढ़ सकता है।
कांग्रेस-भाजपा को टक्कर देने के इरादे से उपचुनाव में ताल ठोक रही राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी की भी प्रत्याशी चयन को लेकर मशक्कत लगभग पूरी हो गई है। उपचुनाव क्षेत्रों में पहुंचे आरएलपी प्रभारियों ने दावेदारों से मुलाक़ात कर उन्हें विभिन्न आधारों पर परख लिया है।
ऐसे चलेगा उपचुनाव कार्यक्रम
– 23 मार्च को अधिसूचना जारी होने के साथ ही नामांकन भरने का सिलसिला शुरू हो गया है
– 30 मार्च तक नामांकन पत्र दाखिल किए जा सकेंगे
– 31 मार्च को नामांकन पत्रों की संवीक्षा होगी
– 3 अप्रेल तक नामांकन पत्र वापस लिए जा सकेंगे
– 17 अप्रेल को मतदान होगा
– 2 मई को मतगणना होगी
राज्य के चार विधायकों के निधन के बाद सम्बंधित क्षेत्रों की विधानसभा सीटें खाली हो गई हैं। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री मास्टर भंवर लाल मेघवाल के निधन से चूरु जिले की सुजानगढ़ सीट, विधायक कैलाश त्रिवेदी के निधन के बाद भीलवाड़ा की सहाड़ा सीट और राजसमन्द से पूर्व मंत्री व विधायक किरण माहेश्वरी के निधन के बाद राजसमंद सीट खाली हो गई थीं। फिलहाल इन तीन विधानसभा सीटों पर चुनाव हो रहे हैं। वल्लभनगर सीट के लिए उपचुनाव तारीख का ऐलान बाद में किया जाएगा।