निकाय चुनावों को लेकर कांग्रेस नेताओं के विरोधाभासी बयानों और आपसी फूट का फायदा कैसे उठाया जाए। इस पर बैठक में मंथन होगा। पार्टी की सोशल मीडिया टीम के जरिए जनता में कांग्रेस विरोधी लहर कैसे चलाई जाएगी, कांग्रेस सरकार चुनाव की प्रणाली को लेकर जिस तरह से अपने ही निर्णय बदल रही है, उसे उसका कितना फायदा मिलेगा इस तरह की तमाम मुद्दों को लेकर इस बैठक में चिंतन होगा।
अपनी सरकार के कामकाज और घोषणाओं को लेकर कांग्रेस चुनावी मैदान में विकास की गंगा बहाने के नारे पर चुनावी मैदान में उतरेगी, वहीं भाजपा के पास पूर्ववर्ती वसुंधरा सरकार के समय के विकास कार्यों को गिनाने के सिवाय कुछ नहीं है। ऐसे में धारा 370 हटाने और आतंकवाद पर सख्ती और केन्द्र की मोदी सरकार की कल्याणकारी योजनाओं के सहारे कैसे चुनाव जीता जाए, केन्द्र के किन मुद्दों को स्थानीय स्तर पर हवा दी जाए इस पर निर्णय किया जाएगा। केन्द्र सरकार की योजनाओं से जनता तक पहुंचाने की तैयारी किस ढंग से हो इस पर भी विचार विमर्श होगा।