भाजपा में चल रहा अंतर्कलह कम होने का नाम नहीं ले रहा है। राजस्थान सरकार पर आए सियासी संकट के समय भाजपा की अंदरूनी फूट जगजाहिर हो गई थी। अब सुनील कोठारी ने शहर अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देकर इस बात को हवा दे दी है कि पार्टी में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। कोठारी के इस्तीफे के बाद राघव शर्मा को शहर अध्यक्ष बनाया गया है। शर्मा पहले भी शहर अध्यक्ष रह चुके हैं।
पार्टी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कोठारी को अध्यक्ष बनाने के बाद से ही शहर का एक धड़ा उनके खिलाफ चल रहा था। पार्टी की ओर से 15 अगस्त को बड़ी चौपड़ पर हुए कार्यक्रम में कई नेताओं के अनुपस्थिति के पीछे भी यही वजह थी। पार्टी के हल्ला बोल कार्यक्रम के तहत सोमवार को हुए ज्ञापन कार्यक्रम में भी कई नेताओं ने दूरी बनाई, इस वजह से भी पार्टी का अंतर्कलह सामने आ गया। इसके अलावा कोठारी की परफोरमेंस खराब होने के साथ—साथ तालमेल की भी साफ तौर पर कमी नजर आ रही थी। हालांकि कोठारी के व्यक्तिगत कारणों की वजह से इस्तीफा देने की बात सामने आई है, लेकिन पार्टी सूत्रों का कहना है कि इस्तीफे की वजह से पार्टी का अंतर्कलह है। कोठारी को इस साल जनवरी में ही मोहन लाल गुप्ता की जगह शहर अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई थी।
बिना कार्यकारिणी बनाए ही चले गए दो अध्यक्ष भाजपा के लगातार दो शहर अध्यक्ष बिना कार्यकारिणी बनाए ही पद छोड़ गए हैं। कोठारी से पहले मोहन लाल गुप्ता भी अपनी कार्यकारिणी नहीं बनाए पाए थे। इस तरह कोठारी आठ महीने का वक्त गुजरने के बाद भी अपनी नई कार्यकारिणी का गठन नहीं कर पाए थे। शहर के कई विधायक और विधायक प्रत्याशियों से पटरी नहीं बैठने की वजह से वो कार्यकारिणी के लिए उपयुक्त लोगों का चयन नहीं कर पाए, इस वजह से कार्यकारिणी का भी गठन अटक गया।
तब राघव शर्मा और उनकी कार्यकारिणी ने दे दिया था इस्तीफा राघव शर्मा लंबे समय बाद पार्टी में सक्रिय हुए हैं। पिछले दिनों प्रदेश कार्यकारिणी में उन्हें प्रदेश कार्यालय मंत्री का पद दिया गया था। ओमप्रकाश माथुर के प्रदेशाध्यक्ष रहते समय राघव शर्मा जयपुर शहर अध्यक्ष थे। उस समय जयपुर नगर निगम के चुनाव में उनके कहे अनुसार टिकटों का वितरण नहीं हुआ था, जिसकी वजह से उन्होंने कार्यकारिणी सहित इस्तीफा दे दिया था।