जयपुर में कालीचरण बैठे धरने पर
राजधानी में अवैध पशु डेयरियों के खिलाफ नगर निगम के अभियान का विरोध कर रहे स्थानीय लोगों के समर्थन में स्थानीय विधायक व पूर्व मंत्री कालीचरण सराफ भी उतर आये। सराफ ने धरने में शामिल होकर खुद भी निगम की कार्रवाई का विरोध जताया।
राजधानी में अवैध पशु डेयरियों के खिलाफ नगर निगम के अभियान का विरोध कर रहे स्थानीय लोगों के समर्थन में स्थानीय विधायक व पूर्व मंत्री कालीचरण सराफ भी उतर आये। सराफ ने धरने में शामिल होकर खुद भी निगम की कार्रवाई का विरोध जताया।
दरअसल, निगम का दस्ता सोमवार सुबह अवैध पशु डेयरियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए मालवीय नगर के गुर्जरों का मोहल्ला जयअंबे नगर पहुंचा। टीम ने यहां से कार्रवाई करते हुए दुधारू पशुओं को जप्त करना शुरू किया। इससे नाराज स्थानीय लोगों ने नारेबाजी करते हुए धरना प्रदर्शन करना शुरू कर दिया।
लोगों के धरना शुरू करने के बाद मालवीय नगर विधायक कालीचरण सराफ भी पहुंचे और निगम की कार्रवाई का विरोध करते हुए धरने पर बैठ गए। इस दौरान भारी पुलिस जाप्ता भी तैनात रहा। इस दौरान रोड पर जाम की भी स्थिति बन गई। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने लोगों से समझाइश भी की, लेकिन लोग कई घंटों तक नहीं मानें।
…. तो कोटा में राजावत का धरना
इधर, कोटा में भी पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत धरने पर सड़क पर बैठे। राजावत यहां समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीद मामले में विरोध जताने के लिए धरने पर उतरे। उन्होंने भामाशाह मंडी में धरना दिया। धरने पर किसानों के साथ व्यापारी, हम्माल और मुनीम भी बैठे।
इधर, कोटा में भी पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत धरने पर सड़क पर बैठे। राजावत यहां समर्थन मूल्य पर सरकारी खरीद मामले में विरोध जताने के लिए धरने पर उतरे। उन्होंने भामाशाह मंडी में धरना दिया। धरने पर किसानों के साथ व्यापारी, हम्माल और मुनीम भी बैठे।
पूर्व विधायक भवानी सिंह राजावत के नेतृत्व में शुरू हुए धरने पर भाजपा के भी कई नेता और कार्यकर्ता पहुँच गए। विरोध प्रदर्शन के दौरान मंडी कारोबारियों ने राजावत को यहां तक कि लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाये जाने तक की बात कह दी।
राजावत ने कहा कि तीन दिन पहले उन्होंने मंडी के खरीद केन्द्र का दौराकर सरकार को नियम बदलने का तीन दिन का अल्टीमेटम दिया था, लेकिन सरकार कुम्भकरण की नींद में है, इसलिए सरकार को जगाने के लिए सांकेतिक धरना दिया गया है। यदि इसके बाद भी किसानों की उपज नहीं खरीदी गई तो सरकार की ईंट से ईंट बजा देंगे।