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दृष्टिहीन ने जलवायु परिवर्तन के खिलाफ छेड़ी मुहिम

locationजयपुरPublished: Nov 28, 2022 11:28:06 pm

Submitted by:

Anand Mani Tripathi

तमिलनाडु में वेलाचेरी के 50 साल के दृष्टिहीन सीएस वीरराघवन दुनिया को ग्लोबल वार्मिंग से बचाने के मिशन पर है। इस कार्य में वे अकेले नहीं है। उनके एनजीओ, ग्रीन वॉयस ग्लोबल (जीवीजी) के 400 सदस्य उनकी आंखें बनकर इस मिशन में लगे हैं। वे कहते हैं, मेरे स्नातक अध्ययन के दूसरे वर्ष तक मेरी दृष्टि सामान्य थी। जब मैं 11वीं कक्षा में था तो मैंने देखा कि मेरे पड़ोसी चार किलोमीटर पैदल चलकर पानी लेकर आते हैं। उनकी पीड़ा मुझसे सहन नहीं हुई और मैंने उनके लिए आवाज उठाई। यह पहली बार था जब मैं किसी बड़े कारण के लिए खड़ा हुआ था। बाद में मैंने महसूस किया कि मानवता के सामने सबसे बड़ी समस्या ग्लोबल वार्मिंग है। इसके खिलाफ लड़ने का फैसला किया।

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तमिलनाडु में वेलाचेरी के 50 साल के दृष्टिहीन सीएस वीरराघवन दुनिया को ग्लोबल वार्मिंग से बचाने के मिशन पर है। इस कार्य में वे अकेले नहीं है। उनके एनजीओ, ग्रीन वॉयस ग्लोबल (जीवीजी) के 400 सदस्य उनकी आंखें बनकर इस मिशन में लगे हैं। वे कहते हैं, मेरे स्नातक अध्ययन के दूसरे वर्ष तक मेरी दृष्टि सामान्य थी। जब मैं 11वीं कक्षा में था तो मैंने देखा कि मेरे पड़ोसी चार किलोमीटर पैदल चलकर पानी लेकर आते हैं। उनकी पीड़ा मुझसे सहन नहीं हुई और मैंने उनके लिए आवाज उठाई। यह पहली बार था जब मैं किसी बड़े कारण के लिए खड़ा हुआ था। बाद में मैंने महसूस किया कि मानवता के सामने सबसे बड़ी समस्या ग्लोबल वार्मिंग है। इसके खिलाफ लड़ने का फैसला किया।

डाक मतदान के लिए किया काम

2015 में वीरराघवन और सैकड़ों अन्य विकलांग लोगों ने सरकार से उन जैसे लोगों के लिए डाक मतदान प्रणाली लागू करने का आग्रह करते हुए प्रदर्शन किया। इस दिशा में उनका काम चलता रहा। नतीजा यह हुआ कि 2019 में पोस्टल वोटिंग सिस्टम लागू हुआ। उन्होंने बताया कि बच्चों की शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्रतिवर्ष चयनित सरकारी प्राथमिक विद्यालय के छात्रों को किताबें और अध्ययन सामग्री वितरित करते हैं।

जलवायु प्रभावों को करते हैं उजागर

वीरराघवन का कहना है कि ग्लोबल वार्मिंग का स्थायी समाधान ऊर्जा और परिवहन क्षेत्रों से उत्सर्जन को कम करना है। हमारे अभियान का उद्देश्य लोगों को जागरूक कर इन जलवायु प्रभावों को उजागर करना है। यही नहीं, वे विकलांग लोगों और बालिकाओं की बेहतरी के लिए भी काम कर रहे हैं। वे कहते हैं कि रेटिनाइटिस पिगमेंटोसा (एक दुर्लभ नेत्र रोग) से अपनी दृष्टि खोने के बाद भी चुप बैठने को तैयार नहीं था।

पूरे प्रदेश में कर डाला पौधरोपण
वीरराघवन ने अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए पूरे राज्य में 1.5 लाख से अधिक पौधे लगाए और कपड़े के थैले वितरित किए। उन्होंने स्थानीय लोगों की मदद से वेलाचेरी में जल निकायों का कायाकल्प भी किया। 2001 में उन्होंने एनजीओ ग्रीन वॉयस ग्लोबल (जीवीजी) शुरू किया। इसके सदस्यों के साथ अब वे स्कूल और कॉलेज के छात्रों के साथ जागरुकता कक्षाएं और रैलियां आयोजित करते हैं।

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