scriptकिसानों पर नहीं पड़ेगी मौसम की मार | block level weather forecast farmers Agriculture Imd Crop Loss | Patrika News

किसानों पर नहीं पड़ेगी मौसम की मार

locationजयपुरPublished: Nov 21, 2019 06:08:59 pm

Submitted by:

Ashish

Block level weather forecast For Farmers : किसानों पर अब मौसम की मार नहीं पड़ेगी।

block-level-weather-forecast-farmers-agriculture-imd-crop-loss

किसानों पर नहीं पड़ेगी मौसम की मार

जयपुर

Block level weather forecast For Farmers : किसानों पर अब मौसम की मार नहीं पड़ेगी। उन्हें पहले ही इस बात की जानकारी मिल जाएगी कि उनके एरिया में मौसम कैसा रहेगा, बारिश कब होगी, फसलों में कौनसे रोग लगने की आशंका बनी हुई है….। ब्लॉक स्तर पर किसानों को मौसम के पूर्वानुमान की यह जानकारी संभवतया 2020 से मिलना शुरू हो जाएगी। इससे किसानों को बड़ा फायदा होगा और किसान खेत में बेहतर उत्पादन प्राप्त करने के साथ ही मौसम की मार से होने वाले फसल खराबे से बचने के लिए पहले से ही प्रयास कर सकेंगे।

दरअसल, भारत कृषि प्रधान देश है। देश की ज्यादातर खेती मौसम पर आधारित है। कई बार देखा जाता है कि किसानों को मौसम की मार झेलनी पड़ जाती है। काफी बार ऐसा होता है कि किसानों ने फसल की बुवाई की और जरूरत से ज्यादा बारिश हो गई तो बोए गए बीज के गलने की आशंका बढ़ जाती है। कई बार फसल पकने को होती है तो आंधी, तूफान, ओलावृष्टि और बारिश से भी फसल खराब हो जाती है। कभी कभी कटाई के बाद खेत में सुखाने के लिए बिछाई गई उपज अचानक बारिश आने से भीगकर खराब हो जाती है। मौसम की मार वाली इन स्थितियों में किसानों को बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ता है।

ब्लॉक स्तर पर मिल सकेगी जानकारी
लेकिन भारतीय मौसम विभाग अब किसानों को उनके क्षेत्र के हिसाब से न सिर्फ मौसम का पूर्वानुमान बताएगा बल्कि ये भी बताएगा कि उनकी फसल में कौन से कीट लग सकते हैं। उम्मीद है कि नए साल से ब्लॉक स्तर पर किसानों को मौसम के पूर्वानुमान की जानकारी उपलब्ध होने लग जाएगी। मौसम विभाग की ग्रामीण कृषि मौसम सेवा अब किसानों के और नजदीक पहुंच रही है। आईएमडी और आईसीआर नए साल में ब्लाक स्तर पर किसानों को मौसम का पूर्वानुमान और कृषि मौसम परामर्श सेवाएं देने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर कई बदलाव किए गए हैं।

इस ऐप से ले सकते हैं जानकारी
आपको बता दें कि किसान मेघदूत ऐप से घर बैठे मोबाइल पर मौसम की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। अभी तक भारत में मौसम को लेकर पूर्वानुमान और कृषि सलाह एग्रोक्लेमैटिक जोन ( एग्रोमेट फील्ड यूनिट्स)के हिसाब से कृषि मौसम परामर्श सेवाएं (एडवाइजरी) जारी की जाती है। एक जोन में 6 से 7 जिले होते हैं। लेकिन अब नई व्यवस्था के तहत आने वाले कुछ दिनों में किसानों को जिले नहीं बल्कि अपने ब्लॉक के हिसाब से जानकारी मिल सकेगी। मौसम विभाग और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद मिलकर इस महत्वाकांक्षी योजना को लागू कर करने की तैयारी में जुटे हुए हैं। मौसम विभाग के मुताबिक फिलहाल 4 करोड़ किसानों को मौसम के पूर्वानुमान और कृषि संबंधी जानकारियां भेजी जा रही है। 2020 तक इस सेवा से करीब 9 करोड़ से ज्यादा किसान जुड़ सकेंगे।

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो