अस्पताल प्रशासन के अनुसार अभी तक वार्ड में भर्ती मरीज और परिजनों को डॉक्टर खून उपलब्ध कराने के लिए पर्ची देते थे। परिजन पर्ची को लेकर ब्लड बैंक जाता था और वहां डोनेट करने पर ब्लड मिलता था। ऐसे परिजन जो ब्लड डोनेट नहीं करते, उन्हें लपके फंसा कर खून उपलब्ध कराते थे। एसएमएस अस्पताल में सर्दी में 250 से 300 यूनिट प्रतिदिन और गर्मी में 350 से 400 यूनिट प्रतिदिन मांग।
एसएमएस——100-125 यूनिट
ट्रोमा——30-40 यूनिट
महिला चिकित्सालय——10-15 यूनिट
जनाना अस्पताल——10-15 यूनिट
कांवटिया अस्पताल——10-15 यूनिट
जेके लोन——20-25 यूनिट वार्ड इंचार्ज को दिए निर्देश
अस्पताल अधीक्षक डॉ. डीएस मीणा ने बताया कि इसके लिए सभी वार्ड इंचार्जों को निर्देश दे दिए हैं। अब संबंधित वार्ड में मौजूद वार्ड स्टाफ मरीज के ब्लड का सैंपल और फॉर्म लेकर ब्लड बैंक जाएगा और बैड पर ही खून लाकर देगा।
अस्पताल प्रशासन से नई व्यवस्था शुरू तो कर दी, लेकिन समस्या यह है कि यदि वार्ड ब्वॉय और वार्ड लेडी लड लेकर जाएंगे, तो ब्लड डोनेट कौन करेगा। स्टाफ की कमी के चलते निजी अस्पतालों की तरह परिजनों को फोन करके ब्लड डोनेशन के लिए नहीं बुलाया जा सकता। प्रशासन इस समस्या से निपटने के लिए भी उपाय खोज रहा है।