जयपुर

एसएमएस में खून के दलालों पर शिकंजा, अब अस्पताल प्रशासन ही मरीज को लाकर देगा खून

जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल ( SMS Hospital ) में खून के दलालों ( Blood Brokers ) पर लगाम लगाने के लिए प्रशासन ने नई पहल की है। अब मरीजों के परिजनों को खुद खून लाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, यह काम अस्पताल का वार्ड ब्वॉय या वार्ड लेडी करेंगे। अस्पताल में खून के सौदागरों के सक्रिय होने से मरीजों और परिजनों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था…

जयपुरJan 25, 2020 / 10:08 am

dinesh

जयपुर। जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल ( SMS Hospital ) में खून के दलालों पर लगाम लगाने के लिए प्रशासन ने नई पहल की है। अब मरीजों के परिजनों को खुद खून लाने की जरूरत नहीं पड़ेगी, यह काम अस्पताल का वार्ड ब्वॉय या वार्ड लेडी करेंगे। अस्पताल में खून के सौदागरों के सक्रिय होने से मरीजों और परिजनों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। मरीज और परिजनों से लपके मुंह मांगा दाम वसूल कर खून की सौदेबाजी करते हैं। हाल में मोती डूंगरी थाना पुलिस ने दो खून के दलालों को पकड़ा था। अस्पताल प्रशासन की शिकायत पर पुलिस लपकों को पकडकऱ ले जाती, लेकिन रिपोर्ट दर्ज नहीं होने की वजह से इन्हें छोड़ दिया जाता था।
अभी तक यह थी व्यवस्था
अस्पताल प्रशासन के अनुसार अभी तक वार्ड में भर्ती मरीज और परिजनों को डॉक्टर खून उपलब्ध कराने के लिए पर्ची देते थे। परिजन पर्ची को लेकर ब्लड बैंक जाता था और वहां डोनेट करने पर ब्लड मिलता था। ऐसे परिजन जो ब्लड डोनेट नहीं करते, उन्हें लपके फंसा कर खून उपलब्ध कराते थे। एसएमएस अस्पताल में सर्दी में 250 से 300 यूनिट प्रतिदिन और गर्मी में 350 से 400 यूनिट प्रतिदिन मांग।
प्रतिदिन रक्तदान
एसएमएस——100-125 यूनिट
ट्रोमा——30-40 यूनिट
महिला चिकित्सालय——10-15 यूनिट
जनाना अस्पताल——10-15 यूनिट
कांवटिया अस्पताल——10-15 यूनिट
जेके लोन——20-25 यूनिट

वार्ड इंचार्ज को दिए निर्देश
अस्पताल अधीक्षक डॉ. डीएस मीणा ने बताया कि इसके लिए सभी वार्ड इंचार्जों को निर्देश दे दिए हैं। अब संबंधित वार्ड में मौजूद वार्ड स्टाफ मरीज के ब्लड का सैंपल और फॉर्म लेकर ब्लड बैंक जाएगा और बैड पर ही खून लाकर देगा।
शुरू किया पर रक्तदान कौन करेगा?
अस्पताल प्रशासन से नई व्यवस्था शुरू तो कर दी, लेकिन समस्या यह है कि यदि वार्ड ब्वॉय और वार्ड लेडी लड लेकर जाएंगे, तो ब्लड डोनेट कौन करेगा। स्टाफ की कमी के चलते निजी अस्पतालों की तरह परिजनों को फोन करके ब्लड डोनेशन के लिए नहीं बुलाया जा सकता। प्रशासन इस समस्या से निपटने के लिए भी उपाय खोज रहा है।
अस्पताल प्रशासन से नई व्यवस्था शुरू तो कर दी, लेकिन समस्या यह है कि यदि वार्ड ब्वॉय और वार्ड लेडी लड लेकर जाएंगे, तो ब्लड डोनेट कौन करेगा। स्टाफ की कमी के चलते निजी अस्पतालों की तरह परिजनों को फोन करके ब्लड डोनेशन के लिए नहीं बुलाया जा सकता। प्रशासन इस समस्या से निपटने के लिए भी उपाय खोज रहा है।

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