अंबेडकर की पार्टी का रंग भी नीला था
आपको बता दें कि बीआर अंबेडकर (Dr. Bhimrao Ambedkar) ने अपनी एक पार्टी बनाई थी, जिसका नाम था ‘इंडिपेंडेंट लेबर पार्टी’। ऐसा कहा जाता है कि अपनी पार्टी के झंडे का रंग उन्होंने नीला रखा था। बता दें कि उन्होंने यह रंग महाराष्ट्र के सबसे बड़े दलित वर्ग महार के झंडे से लिया। साल 2017 में अर्थ नाम के जर्नल में ‘फैब्रिक रेनेड्रेड आइडेंटिटीः ए स्टडी ऑफ पब्लिक रिप्रेजेंटेशन इन रंजीता अताकाती’ में प्रकाशित शोध पत्र में भी यही बात कही गई है। अंबेडकर ने इस नीले रंग को दलित चेतना का प्रतीक माना था। जानकारों के मुताबिक नीला बाबा साहब का पसंदीदा रंग था और उन्होंने इसे अपने निजी जीवन में भी इस्तेमाल किया था।
आपको बता दें कि बीआर अंबेडकर (Dr. Bhimrao Ambedkar) ने अपनी एक पार्टी बनाई थी, जिसका नाम था ‘इंडिपेंडेंट लेबर पार्टी’। ऐसा कहा जाता है कि अपनी पार्टी के झंडे का रंग उन्होंने नीला रखा था। बता दें कि उन्होंने यह रंग महाराष्ट्र के सबसे बड़े दलित वर्ग महार के झंडे से लिया। साल 2017 में अर्थ नाम के जर्नल में ‘फैब्रिक रेनेड्रेड आइडेंटिटीः ए स्टडी ऑफ पब्लिक रिप्रेजेंटेशन इन रंजीता अताकाती’ में प्रकाशित शोध पत्र में भी यही बात कही गई है। अंबेडकर ने इस नीले रंग को दलित चेतना का प्रतीक माना था। जानकारों के मुताबिक नीला बाबा साहब का पसंदीदा रंग था और उन्होंने इसे अपने निजी जीवन में भी इस्तेमाल किया था।
बाबा साहब को नीले रंग का सूट बहुत पसंद था
ऐसा कहा जाता है कि बाबा साहब अंबेडकर को नीले रंग का सूट बहुत पसंद था। वो अक्सर नीले रंग का थ्री पीस सूट पहना करते थें। चूंकि अंबेडकर नीले रंग के सूट में होते थे, लिहाजा दलित समाज ने इस रंग को अपनी अस्मिता और प्रतीक के रूप में लिया और इस रंग को अपनाया। यही कारण है कि देशभर में अंबेडकर की जितनी भी मूर्तियां मिलेंगी सब नीले रंग में रंगी हैं।