ऐसे होगी कार्रवाई
कक्षा 5, 8, 10 और 12 की बोर्ड परीक्षाओं में न्यून परीक्षा परिणाम वाले शिक्षकों और संस्था प्रधानों पर विभागीय नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। न्यून परीक्षा परिणाम वाले संस्था प्रधान व शिक्षकों का निर्धारण 30 जुलाई तक किया जाएगा। इनका विभाग पूरा डेटा तैयार इसके बाद इन्हें 10 अगस्त तक सक्षम अधिकारी द्वारा नोटिस दिया जाएगा। शिक्षण कारण बताओ नोटिस का जवाब 30 अगस्त तक दे सकेंगे। विश्लेषण के बाद इन शिक्षकों के खिलाफ 10 सितम्बर तक आरोप पत्र जारी किया जाएगा। 25 सितम्बर तक शिक्षक आरोप पत्र का जवाब दे सकेंगे। कम परिणाम देने वाले शिक्षकों की 10 अक्टूबर को व्यक्तिगत सुनवाई होगी और आरोप पत्र पर निर्णय 15 अक्टूबर को होगा।
कक्षा 5, 8, 10 और 12 की बोर्ड परीक्षाओं में न्यून परीक्षा परिणाम वाले शिक्षकों और संस्था प्रधानों पर विभागीय नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। न्यून परीक्षा परिणाम वाले संस्था प्रधान व शिक्षकों का निर्धारण 30 जुलाई तक किया जाएगा। इनका विभाग पूरा डेटा तैयार इसके बाद इन्हें 10 अगस्त तक सक्षम अधिकारी द्वारा नोटिस दिया जाएगा। शिक्षण कारण बताओ नोटिस का जवाब 30 अगस्त तक दे सकेंगे। विश्लेषण के बाद इन शिक्षकों के खिलाफ 10 सितम्बर तक आरोप पत्र जारी किया जाएगा। 25 सितम्बर तक शिक्षक आरोप पत्र का जवाब दे सकेंगे। कम परिणाम देने वाले शिक्षकों की 10 अक्टूबर को व्यक्तिगत सुनवाई होगी और आरोप पत्र पर निर्णय 15 अक्टूबर को होगा।
परिणाम के 4 माह बाद कार्रवाई
बोर्ड परीक्षाओं में कम परिणाम देने वाले शिक्षकों के खिलाफ विभाग कार्रवाई में टालमटोल कर रहा है। परीक्षा परिणाम जारी होने के 4 माह से भी अधिक समय बीत जाने के बाद उन पर कार्रवाई होगी। जब तक इस सत्र के करीब 4 माह निकल जाएंगे और वही शिक्षक स्कूलों में इस बार भी बोर्ड परीक्षाओं को पढ़ाते रहेंगे।
बोर्ड परीक्षाओं में कम परिणाम देने वाले शिक्षकों के खिलाफ विभाग कार्रवाई में टालमटोल कर रहा है। परीक्षा परिणाम जारी होने के 4 माह से भी अधिक समय बीत जाने के बाद उन पर कार्रवाई होगी। जब तक इस सत्र के करीब 4 माह निकल जाएंगे और वही शिक्षक स्कूलों में इस बार भी बोर्ड परीक्षाओं को पढ़ाते रहेंगे।
परिणाम कम रहने का ये भी कारण
कई स्कूलों में बोर्ड परीक्षाओं का परिणाम कम रहने का एक कारण यह भी है कि वहां विषयाध्यापक नहीं हैं। यदि हैं भी तो बीच सत्र में आए हैं। वहीं दूसरी ओर कई स्कूलों में व्याख्याताओं की कमी के कारण भी परिणाम कम रहा है। कई जगहों पर तो लोगों ने स्कूलों के तालाबंदी भी की थी।
कई स्कूलों में बोर्ड परीक्षाओं का परिणाम कम रहने का एक कारण यह भी है कि वहां विषयाध्यापक नहीं हैं। यदि हैं भी तो बीच सत्र में आए हैं। वहीं दूसरी ओर कई स्कूलों में व्याख्याताओं की कमी के कारण भी परिणाम कम रहा है। कई जगहों पर तो लोगों ने स्कूलों के तालाबंदी भी की थी।