सुबह और शाम को भोजन वितरण का काम शुरू करने के साथ ही पहले भोजन मंत्र और फिर गायत्री मंत्र का उद्घोष किया जाता है और उसके बाद ही भोजन वितरित किया जाता है। इसके साथ ही भोजन लेने आने वाले लोगों से जय श्रीराम कहा जाता है और उन्हें भोजन दिया जाता है। भोजन लेने के लिए एकत्रित होने वाले इन लोगों को स्वदेशी वस्तुएं खरीदने के लिए भी प्रेरित किया जाता है। भोजन वितरण के दौरान लगने वाली लाइन में सोशल डिस्टेंसिंग का खास ख्याल रखा जाता है। वितरण के दौरान स्वयंसेवक गायत्री मंत्र का उच्चारण करते रहते हैं और उसके बाद में लोगों से आह्वान करते हैं कि वह चीन की वस्तुओं का बहिष्कार करें।
जयपुर महानगर सह प्रमुख राकेश कुमार ने बताया कि 1 अप्रेल से रोजाना इस तरह भोजन का वितरण किया जाता है और भोजन वितरण के साथ सनातन संस्कृति के धर्म के बारे में भी लोगों को बताया जाता है। स्वयंसेवक प्रदीप अग्रवाल ने बताया कि इस दौरान लोगों को किस तरह स्वदेशी वस्तुओं को खरीदकर देश हित में योगदान देना चाहिए इस बारे में बताया जाता है। तो वहीं विनोद शर्मा बताया कि करीब तीन हजार से ज्यादा पैकेट यहां पर लोगों को बांटे जाते हैं। जो भी लोग आते हैं उन्हें सनातन संस्कृति के धर्म के बारे में बताया जा रहा है जिससे कि लोगों को भारत की संस्कृति के साथ आध्यात्मिकता का भी ज्ञान हो सके।
— हिमांशु शर्मा