जोशी ने सोमवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि शांति धारीवाल को यह बयान देना चाहिए था या नहीं यह अलग बात है लेकिन इस पर प्रतिक्रिया दे रहे ब्राह्मण समाज के लोगों को सोचना चाहिए कि वह इसे आलोचना के रूप में नहीं बल्कि चुनौती के रूप में लें और ज्यादा से ज्यादा ऐसे बच्चों को आगे बढ़ाएं जिनमें प्रतिभा है और जो आईएएस, आईपीएस और आरएएस अधिकारी बन सकते हैं।
महेश जोशी ने कहा कि ब्राह्मण समाज के लोग सरकारी नौकरी में पहले किस अनुपात में होते थे, ये सभी को पता है। ब्राह्मण समाज के बच्चों को ब्राह्मण संगठनों की ओर से मदद दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि मैं मानता हूं कि ब्राह्मण समाज प्रतिभाशाली है इस प्रतिभा को जब भी निखरने का मौका मिला है तब उन्होंने अपना परचम लहराया है। अनावश्यक किसी के बयान विरोध कर बच्चों को गलत दिशा में न ले जाएं।
जोशी ने कहा कि ब्राह्मण समाज बुद्धिजीवी वर्ग है और बुद्धिजीवी कभी भी बाहुबल का प्रदर्शन नहीं करते। चाणक्य ने कभी-कभी बाहुबल का प्रदर्शन और प्रयोग नहीं किया। बता दें कि हाल ही में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है जिसमें वह कहते दिख रहे हैं कि बुद्धि का ठेका ब्राह्मणों ने ले रखा है, जिस पर प्रदेश के कई ब्राह्मण संगठनों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और उनसे माफी की मांग की है।
विधानसभा में नहीं हुआ विधायकों के अधिकारों का हनन
वहीं 9 सितंबर से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में कई विधायकों के सवाल नहीं लगाने के भाजपा के आरोपों पर भी मुख्य सचेतक में जोशी ने पलटवार किया है। जोशी ने कहा कि भाजपा के नेताओं को या तो नियमों की जानकारी नहीं है या फिर वे जानबूझकर अनजान बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि नियमों की कहीं अनदेखी नहीं हुई है।
भाजपा बताए कि किस नियम की अवहेलना हुई है, नियम कायदों के हिसाब से फैसले लिए गए हैं। कानून से ऊपर कोई नहीं है। जोशी ने कहा कि भाजपा के नेता धैर्य बनाकर रखें। सदन में अपनी बातों को रखें और सत्र चलाने में सत्ता पक्ष का सहयोग करें। भाजपा के लोग बाहर कुछ और बातें करते हैं, अंदर कुछ और बातें करते हैं। सदन को चलाना सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों की जिम्मेदारी है।