दो माह में दो अफसर सेवानिवृत
सरकार के प्रशासनिक ढांचे में निचले स्तर पर अफसरों की कमी नहीं है। लेकिन शीर्ष स्तर पर अफसर लगातार कम होते जा रहे है। इस महीने के अंत में खान व पर्यावरण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुदर्शन सेठी सेवानिवृत हो रहे हैं तो सितंबर में आईएएस अशोक सिंघवी सेवानिवृत हो रहे हैं। वहीं आरएएस से आईएएस बने 4 अफसर भी इसी साल सेवानिवृत हो रहे हैं। ऐसे में इन विभागों में अफसरों की तैनाती होगी या फिर इनको भी अतिरिक्त प्रभार के भरोसे चलाया जाएगा यह जल्द आने वाली आईएएस अफसरों की तबादला सूची में तय होगा।
सरकार के प्रशासनिक ढांचे में निचले स्तर पर अफसरों की कमी नहीं है। लेकिन शीर्ष स्तर पर अफसर लगातार कम होते जा रहे है। इस महीने के अंत में खान व पर्यावरण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुदर्शन सेठी सेवानिवृत हो रहे हैं तो सितंबर में आईएएस अशोक सिंघवी सेवानिवृत हो रहे हैं। वहीं आरएएस से आईएएस बने 4 अफसर भी इसी साल सेवानिवृत हो रहे हैं। ऐसे में इन विभागों में अफसरों की तैनाती होगी या फिर इनको भी अतिरिक्त प्रभार के भरोसे चलाया जाएगा यह जल्द आने वाली आईएएस अफसरों की तबादला सूची में तय होगा।
25 से ज्यादा विभाग अतिरिक्त प्रभार के भरोसे
उच्च स्तर पर सरकार आईएएस अफसरों की कमी से जूझ रही है 25 से ज्यादा विभाग अतिरिक्त प्रभार के भरोसे चल रहे हैं और जो विभाग अतिरिक्त प्रभार में चल रहे हैं उनमें पॉलिसि पैरालिसिस जैसी स्थिति हो गई है यानि योजनाओं के क्रियान्वयन पर एक तरह से ब्रेक लग गया है। अफसर अपने मुख्य विभाग के कामकाज में ही रूचि लेते हैं। ये अफसर खुद को अतिरिक्त प्रभार में चल रहे विभाग के रूटीन कामकाज तक ही सीमित रखते है। अफसर इन विभागों को जो आएगा वो देखेगा जैसे अंदाज में चला रहे हैं।
उच्च स्तर पर सरकार आईएएस अफसरों की कमी से जूझ रही है 25 से ज्यादा विभाग अतिरिक्त प्रभार के भरोसे चल रहे हैं और जो विभाग अतिरिक्त प्रभार में चल रहे हैं उनमें पॉलिसि पैरालिसिस जैसी स्थिति हो गई है यानि योजनाओं के क्रियान्वयन पर एक तरह से ब्रेक लग गया है। अफसर अपने मुख्य विभाग के कामकाज में ही रूचि लेते हैं। ये अफसर खुद को अतिरिक्त प्रभार में चल रहे विभाग के रूटीन कामकाज तक ही सीमित रखते है। अफसर इन विभागों को जो आएगा वो देखेगा जैसे अंदाज में चला रहे हैं।
इन अफसरों के पास तीन से चार विभाग
के रूटीन कामकाज विभाग के अनुसार राजस्व मंडल के अध्यक्ष मुकेश शर्मा के पास टैक्स बोर्ड का अतिरिक्त प्रभार है तो गृह विभाग जैसे महत्वपूर्ण विभाग का जिम्मा संभाल रहे आईएएस राजीव स्वरूप के पास परिवहन विभाग, न्याय विभाग का अतिरिक्त प्रभार है। इसी प्रकार उद्योग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल के पास चार विभागों का अतिरिक्त प्रभार है। आईएएस अभय कुमार के पास सहकारिता विभाग तो पहले से ही है इसके साथ ही आयोजना और आईटी विभाग का अतिरिक्त् प्रभार है। वहीं शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आर वेंकटेश्वरन के पास मौजूदा विभाग के साथ ही संस्कृत शिक्षा का जिम्मा है। इसके साथ ही अन्य आईएएस के पास भी तीन से चार विभागों का अतिरिक्त् प्रभार है। आईएएस अखिल अरोडा के पास मौजूदा विभाग के साथ चार विभागों का प्रभार है। आईएएस श्रेया गुहा के पास भी मौजूदा विभाग के साथ पर्यटन विभाग का अतिरिक्त प्रभार है।
के रूटीन कामकाज विभाग के अनुसार राजस्व मंडल के अध्यक्ष मुकेश शर्मा के पास टैक्स बोर्ड का अतिरिक्त प्रभार है तो गृह विभाग जैसे महत्वपूर्ण विभाग का जिम्मा संभाल रहे आईएएस राजीव स्वरूप के पास परिवहन विभाग, न्याय विभाग का अतिरिक्त प्रभार है। इसी प्रकार उद्योग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल के पास चार विभागों का अतिरिक्त प्रभार है। आईएएस अभय कुमार के पास सहकारिता विभाग तो पहले से ही है इसके साथ ही आयोजना और आईटी विभाग का अतिरिक्त् प्रभार है। वहीं शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव आर वेंकटेश्वरन के पास मौजूदा विभाग के साथ ही संस्कृत शिक्षा का जिम्मा है। इसके साथ ही अन्य आईएएस के पास भी तीन से चार विभागों का अतिरिक्त् प्रभार है। आईएएस अखिल अरोडा के पास मौजूदा विभाग के साथ चार विभागों का प्रभार है। आईएएस श्रेया गुहा के पास भी मौजूदा विभाग के साथ पर्यटन विभाग का अतिरिक्त प्रभार है।
अफसरों की नहीं बैठ रही सरकार के साथ पटरी
उच्च स्तर पर अफसरों की कमी के बाद यह भी सामने आ रहा है कि भाजपा सरकार में अहम पदों पर रहे इन अफसरों की सरकार के साथ पटरी नहीं बैठ रही है। इन अफसरों ने दिल्ली जाने की अर्जी मुख्य सचिव के माध्यम से सरकार को दे रखी है लेकिन अफसरों की कमी को देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अफसरों के दिल्ली जाने पर रोक लगा रखी है।
उच्च स्तर पर अफसरों की कमी के बाद यह भी सामने आ रहा है कि भाजपा सरकार में अहम पदों पर रहे इन अफसरों की सरकार के साथ पटरी नहीं बैठ रही है। इन अफसरों ने दिल्ली जाने की अर्जी मुख्य सचिव के माध्यम से सरकार को दे रखी है लेकिन अफसरों की कमी को देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अफसरों के दिल्ली जाने पर रोक लगा रखी है।