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ब्रेस्ट कैंसर की थ्रीडी मैमोग्राम तकनीक, छोटे से छोटे ट्यूमर भी आएगा पकड़ में

locationजयपुरPublished: Feb 29, 2020 05:42:04 pm

यूरोपियन सोसायटी ऑफ सर्जिकल ऑन्कोलॉजी और सीतादेवी हॉस्पिटल के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित इंटरनेशनल ऑन्कोप्लास्टी ब्रेस्ट सर्जरी कॉन्फ्रेंस, देश-विदेश से आए विशेषज्ञों ने ऐसी ही नई तकनीकों के बारे में दी जानकारी

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अविनाश बाकोलिया / जयपुर. ब्रेस्ट के किसी भी कोने में गहराई तक कैंसर का ट्यूमर बन गया है, तो अब वह आसानी से पकड़ में आ जाएगा। यह संभव हो सकेगा थ्रीडी मैमोग्राम तकनीक से, जो जो छोटे से छोटे ट्यूमर को भी ढूंढ निकालेगी।

यूरोपियन सोसायटी ऑफ सर्जिकल ऑन्कोलॉजी और सीतादेवी हॉस्पिटल के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित इंटरनेशनल ऑन्कोप्लास्टी ब्रेस्ट सर्जरी कॉन्फ्रेंस के आखिरी दिन देश-विदेश से आए विशेषज्ञों ने ऐसी ही नई तकनीकों के बारे में जानकारी दी। कॉन्फ्रेंस के आयोजन सचिव डॉ. उत्तम सोनी ने बताया कि देश-विदेश से 100 से अधिक विशेषज्ञों ने भाग लिया। इस मौके पर ब्रेस्ट कैंसर की चौथी स्टेज में भी सर्जरी किए जाने की जानकारी दी गई, अब तक यह संभव नहीं था।
छोटे कैंसर ट्यूमर की पहचान अब आसान
इंग्लैंड की फीयोना मैक्नील ने बताया कि ब्रेस्ट में मौजूद कैंसर के छोटे ट्यूमर को अब नई जांच तकनीक 3डी मैमोग्राम के जरिए आसानी से ढूंढा जा सकता है। इस तकनीक में ब्रेस्ट की स्क्रीनिंग को कई स्लाइस में बांट कर गहराई में मौजूद कैंसर के ट्यूमर खोज सकते हैं। इससे पहले सामान्य मैमोग्राम में छोटे ट्यूमर नहीं दिख पाते थे।
ब्रेस्ट कैंसर ट्रीटमेंट के बाद अब नहीं होगा ऑस्टियोपोरोसिस-
यूरोप की शैफील्ड से आईं डॉ. लिंडा वाइल्ड ने बताया कि जिन महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर में हार्मोन रिसेप्टर पॉजिटिव कैंसर होता है, उनका इलाज खत्म होने के बाद हार्मोनल दवाओं के असर के कारण ऑस्टियोपोरोसिस हो जाता है। हड्डियों की इस बीमारी में मरीज को हर वक्त शरीर में तेज दर्द होता है और समस्या बढऩे पर हड्डी में फ्रेक्चर होने लगता है। अब नई दवाओं से इस बीमारी को काफी हद तक नियंत्रित कर लिया जाता है और मरीज सामान्य जीवन जी सकती है।
ब्लड में आयोडीन कंट्रास्ट से हाइलाइट होगा ट्यूमर-
इंग्लैंड के डॉ. आशुतोष कोठारी ने बताया कि अब कंट्रास्ट इन्हांस्ट स्पेक्ट्रल मैमोग्राम तकनीक से आसानी से कैंसर ट्यूमर हाइलाइट किए जा सकते हैं। यह जांच लगभग एमआरआई जितनी गुणवत्ता देती है और कीमत में उसका सिर्फ दसवां हिस्सा तक होती है। इस जांच में मरीज के ब्लड में आयोडीन कंट्रास्ट छोड़ा जाता है, जिससे कैंसर ट्यूमर उभर कर आता है। यह डायग्नोस को काफी आसान बनाती है।
अब स्टेज-4 में संभव है ब्रेस्ट सर्जरी-

विशेषज्ञों ने बताया कि अब तक ब्रेस्ट कैंसर की चौथी स्टेज होने पर मरीज का उपचार नहीं हो पाता था। अब इस स्थिति में भी मरीज को विशेष कीमोथैरेपी और हार्मोनल थैरेपी के साथ विशेष सर्जरी से मरीज को बचाया जा सकता है। इसमें पहले हार्मोनल थैरेपी देकर कैंसर बढ़ा रहे हार्मोन्स का काम करना बंद किया जाता है और कैंसर में हो रही बढ़ोत्तरी को रोक दिया जाता है। इसके बाद मरीज की सर्जरी की जाती है।

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