यूरोपियन सोसायटी ऑफ सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के संयुक्त तत्वाधान में यहां गुरूवार से शुरू हुई तीन दिवसीय इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन्कोप्लास्टी ब्रेस्ट सर्जरी में ऐसी ही नई तकनीकों पर चर्चा हुई। कॉन्फ्रेंस के आयोजन सचिव डॉ. उत्तम सोनी ने बताया कि कॉन्फ्रेंस में दुनियाभर से 100 से अधिक ब्रेस्ट कैंसर एक्सपर्ट शामिल हुए हैं जो ब्रेस्ट कैंसर के इलाज और निदान में आई अत्याधुनिक तकनीकों के बारे में जानकारी देंगे। पहले दिन ब्रेस्ट सर्जरी में मस्टेक्टॉमी, नोडजुवेंट थेरेपी, सर्जरी फॉर यंग वूमेन विथ ब्रेस्ट कैंसर जैसे विषयों की जानकारी दी और कुछ जटिल केसों पर चर्चा की गई। कॉन्फ्रेंस में इंग्लैंड की डॉ. लिंडा वाइल्ड, बेल्जियम के डॉ. फिलिप पोरमैन, टिबोर कोवैक्स सहित अन्य विशेषज्ञों ने विभिन्न सत्रों में जानकारी दी।
बेटी में टल सकता है कैंसर का खतरा – इंग्लैंड से आए डॉ. आशुतोष कोठारी ने बताया कि मरीज को कैंसर अग्रेसिव या नॉर्मल है, इन सब बातों का ध्यान रखते हुए उसकी बीआरसीए नामक जीन टेस्ट किया जाता है। अगर यह पॉजिटिव आता है तो मरीज की बेटी का भी समान टेस्ट किया जाता है। यदि बेटी को भी यह टेस्ट पॉजिटिव आता है तो एक्सपर्ट उन्हें पहले से ब्रेस्ट रिमूवल सर्जरी की सलाह देंगे जिससे उन्हें भविष्य में होने वाले बे्रस्ट कैंसर से बचाया जा सके।
कम उम्र के मरीजों के लिए नीयोड्जुवेंट थेरेपी – डॉ. फीयोना मैक्नील ने बताया कि अगर महिला को कम उम्र में ही ब्रेस्ट कैंसर हो गया है और ट्यूमर का आकार बड़ा है तो उसका ब्रेस्ट बचाने के लिए नीयोड्जुवेंट थेरेपी आ गई है। इसके जरिये पहले दवाओं और रेडियोथेरेपी द्वारा ट्यूमर का आकार छोटा किया जाता है, उसके बाद ही ट्यूमर की सर्जरी की जाती है। इससे महिला का बे्रस्ट बचाया जा सकता है।