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Breast Cancer : महिलाओं में बढ़ता स्तन कैंसर तथा घटता स्तनपान

locationजयपुरPublished: Aug 06, 2020 06:15:28 pm

Submitted by:

Anil Chauchan

Breast Cancer : जयपुर . प्रसव के बाद जिन महिलाओं की ओर से बच्चे के जन्म के तुरंत बाद उसे Breastfeeding करवाई गई है, उन महिलाओं में Breast Cancer तथा Pre-Monopausal गर्भाशय के कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।

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Breast Cancer : जयपुर . प्रसव के बाद जिन महिलाओं की ओर से बच्चे के जन्म के तुरंत बाद उसे ब्रेस्टफीडिंग ( Breastfeeding ) करवाई गई है, उन महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर ( Breast Cancer ) तथा प्री-मोनोपोजल ( Pre-Monopausal ) गर्भाशय के कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।

संपूर्ण विश्व में एक से सात अगस्त तक महिलाओं को जागरुक करने के लिए विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जा रहा है। इस वर्ष स्तनपान सप्ताह की थीम ‘स्पोर्ट बै्रस्ट फीडिंग फॉर ए हेल्थीअर प्लेनेट’ रखा है।
महिलाओं में बढ़ता स्तन कैंसर तथा घटता स्तनपान
वर्ष 2019 में लगभग 6 लाख 27 हजार महिलाओं की मौत स्तन कैंसर
42 प्रतिशत महिलाऐं ही प्रसव के एक घंटे के भीतर अपने बच्चे को कराती हैं स्तनपान
जागरुकता के लिए एक से सात अगस्त तक मनाया जा रहा है विश्व स्तनपान सप्ताह

भारत में महिलाओं के होने वाले सभी कैंसर का 14 प्रतिशत स्तन कैंसर होता है। यह किसी भी उम्र में हो सकता है। लेकिन उम्र के तीसरे दशक में बढ़ते-बढ़ते 50-64 वर्ष की आयु तक आते-आते स्तन कैंसर चरम पर पहुंच जाता है। भारत में स्तनपान नहीं कराने की प्रवृति बहुत ही गंभीर देखी गई है।
अध्ययन बताते हैं कि सिर्फ 42 प्रतिशत महिलाऐं ही ऐसी है जो प्रसव के एक घंटे के भीतर अपने बच्चे को स्तनपान कराती हैं वहीं सिर्फ 55 प्रतिशत महिलाएं ही बच्चें को जन्म से 6 महीने तक स्तनपान करवाती है। स्तनपान को लेकर कार्य करने वाले शोध के अनुसार सभी शिशुओं को जन्म के पहले दिन स्तनपान कराया जाए तो 16 प्रतिशत नवजात शिशुओं को जीवित रखा जा सकता है। वहीं यदि एक घण्टे में स्तनपान शुरू कर दिया जाए तो 22 प्रतिशत नवजात शिशुओं को जीवित रखा जा सकता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक विश्लेषण के अनुसार स्तनपान कराने में वृद्धि होती है तो 5 वर्ष तक की आयु के 8 लाख 20 हजार बच्चों की जान हर वर्ष बचाई जा सकती है। जिससे 302 बिलियन डॉलर की अतिरिक्त आय का उत्पादन हो सकता है। स्तनपान नहीं होने के कारण कुपोषण के मामले भी बढ़ जाते है। आंकड़े बताते है कि 45 प्रतिशत बच्चों की मृत्यु में कुपोषण भी एक बड़ा कारण होता है। वैश्विक स्तर पर 0.6 महिनें के शिशुओं में से 40 प्रतिशत बच्चों को ही विशेष रूप से स्तनपान कराया जाता है। स्तनपान नही कराने वाली महिलाओं के बच्चों के लिए राजस्थान के कई जिलों में माताओं के दूध के बैंक बनाए गए हैं। हर वर्ष हजारों माताएं इन दूध बैंकों में अपना दूध देकर हजारों नवजात शिशुओं की जान बचाने का प्रयास कर रही हैं।
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