संपूर्ण विश्व में एक से सात अगस्त तक महिलाओं को जागरुक करने के लिए विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जा रहा है। इस वर्ष स्तनपान सप्ताह की थीम ‘स्पोर्ट बै्रस्ट फीडिंग फॉर ए हेल्थीअर प्लेनेट’ रखा है।
वर्ष 2019 में लगभग 6 लाख 27 हजार महिलाओं की मौत स्तन कैंसर
42 प्रतिशत महिलाऐं ही प्रसव के एक घंटे के भीतर अपने बच्चे को कराती हैं स्तनपान
जागरुकता के लिए एक से सात अगस्त तक मनाया जा रहा है विश्व स्तनपान सप्ताह
भारत में महिलाओं के होने वाले सभी कैंसर का 14 प्रतिशत स्तन कैंसर होता है। यह किसी भी उम्र में हो सकता है। लेकिन उम्र के तीसरे दशक में बढ़ते-बढ़ते 50-64 वर्ष की आयु तक आते-आते स्तन कैंसर चरम पर पहुंच जाता है। भारत में स्तनपान नहीं कराने की प्रवृति बहुत ही गंभीर देखी गई है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक विश्लेषण के अनुसार स्तनपान कराने में वृद्धि होती है तो 5 वर्ष तक की आयु के 8 लाख 20 हजार बच्चों की जान हर वर्ष बचाई जा सकती है। जिससे 302 बिलियन डॉलर की अतिरिक्त आय का उत्पादन हो सकता है। स्तनपान नहीं होने के कारण कुपोषण के मामले भी बढ़ जाते है। आंकड़े बताते है कि 45 प्रतिशत बच्चों की मृत्यु में कुपोषण भी एक बड़ा कारण होता है। वैश्विक स्तर पर 0.6 महिनें के शिशुओं में से 40 प्रतिशत बच्चों को ही विशेष रूप से स्तनपान कराया जाता है। स्तनपान नही कराने वाली महिलाओं के बच्चों के लिए राजस्थान के कई जिलों में माताओं के दूध के बैंक बनाए गए हैं। हर वर्ष हजारों माताएं इन दूध बैंकों में अपना दूध देकर हजारों नवजात शिशुओं की जान बचाने का प्रयास कर रही हैं।