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ब्रेस्ट सर्जरी के बाद हाथ की सूजन अब नहीं बनेगी परेशानी

locationजयपुरPublished: Aug 31, 2019 06:37:47 pm

Submitted by:

Anil Chauchan

Breast Cancer Surgery: New Tools are Effective ब्रेस्ट कैंसर में Surgery के बाद अक्सर मरीज के हाथ में सूजन (लिम्फडीमा) आ जाती है। कई बार स्थिति यह हो जाती है कि सूजन के कारण patient के हाथ में Cancer हो जाता है। लेकिन Treatment की New Techniques में ऐसी सूजन की शिकायत नहीं रहेगी, इसके लिए कांख में मौजूद Lymph Node Surgery छोटी कर दी जाती है, जिससे सूजन की शिकायत नहीं होगी। वहीं Breast Cancer की Investigation के लिए एक ऐसी मशीन आ गई है, जो शरीर में मौजूद लिम्फनोड को आसानी से पहचान लेती है, जिससे कैंसर को जल्दी पकड़ा जा सकता है।

Breast Cancer

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Breast Cancer Surgery: जयपुर . ब्रेस्ट कैंसर ( Breast Cancer ) में सर्जरी ( Surgery ) के बाद अक्सर मरीज के हाथ में सूजन (लिम्फडीमा) आ जाती है। कई बार स्थिति यह हो जाती है कि सूजन के कारण मरीज ( patient ) के हाथ में कैंसर ( Cancer ) हो जाता है। लेकिन इलाज ( Treatment ) की नई तकनीकों ( New Techniques ) में ऐसी सूजन की शिकायत नहीं रहेगी, इसके लिए कांख में मौजूद लिम्फनोड की सर्जरी ( Lymph Node Surgery ) छोटी कर दी जाती है, जिससे सूजन की शिकायत नहीं होगी। वहीं ब्रेस्ट कैंसर की जांच के लिए एक ऐसी मशीन आ गई है, जो शरीर में मौजूद लिम्फनोड को आसानी से पहचान लेती है, जिससे कैंसर को जल्दी पकड़ा जा सकता है।
एसोसिएशन ऑफ ब्रेस्ट सर्जन्स, एसएमएस मेडिकल कॉलेज का प्लास्टिक सर्जरी विभाग, सीतादेवी हॉस्पिटल एवं राजस्थान ब्रेस्ट आंकोलॉजी ग्रुप के संयुक्त तत्वावधान में यहां चल रही इंटरनेशनल ब्रेस्ट कैंसर कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन को विशेषज्ञों ने इलाज की ऐसी ही नई तकनीकों के बारे में जानकारी दी।

कॉन्फ्रेंस के आयोजन सचिव डॉ. उत्तम सोनी व डॉ. प्रदीप गोयल ने बताया कि शनिवार को कॉन्फ्रेंस का विधिवत उद्घाटन एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भंडारी व समाजसेवी घनश्याम सोनी ने किया। विभिन्न सत्रों में देश-विदेश से आए डॉक्टर्स ने ब्रेस्ट कैंसर में रेडियोलॉजी और पैथोलॉजी की उपयोगिता, ट्रिपल नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर की चुनौतियां, ब्रेस्ट सर्जरी में एडवांस इमेजिंग आदि के बारे में चर्चा की।
डीएस्केलेशन से छोटी होने लगी सर्जरी -:
इंग्लैंड से आए डॉ. आशुतोष कोठारी ने बताया कि ब्रेस्ट सर्जरी के प्रभाव को कम करने के लिए अब ट्यूमर का डीएस्केलेशन किया जाने लगा है। इससे ट्यूमर संकुचित हो जाता है और छोटी सर्जरी में ही मरीज का कैंसर वाला ट्यूमर निकाल दिया जाता है। इसके अलावा ब्रेस्ट रीकंस्ट्रेशन के लिए बॉडी के ही टिश्यु का इस्तेमाल किया जाने लगा है। इससे इंप्लांट के उपयोग से होने वाले इंफेक्शन के 5 से 15 प्रतिशत संभावना शून्य हो जाती है। कॉन्फ्रेंस में यूक के डॉ. जॉन राबर्टसन, डॉ. सारा पिंडर, हैदराबाद के डॉ.पी.रघुराम, अमेरिका के डॉ. जोसफ क्लेटजैल ने भी ब्रेस्ट कैंसर की नई इलाज तकनीकों के बारे में जानकारी दी।
मशीन से लाइव देख सकेंगे शरीर में लिम्फनोड ..
विशेषज्ञों ने बताया कि अब मशीन से शरीर में कैंसर का कारण बनने वाले लिम्फनोड को लाइव देखा जा सकेगा। इसके लिए खास तरह की मशीन नियर इंन्फ्रारेड को इस्तेमाल किया जा रहा है। इस मशीन से इंन्फ्रारेड की सहायता से शरीर में बह रहे लिम्फनोडए जो कैंसर का कारण बनते हैंए उन्हें लाइव देख सकते हैं जिससे कैंसर की पहचान करना बहुत आसान हो गया है।
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