कॉन्फ्रेंस के आयोजन सचिव डॉ. उत्तम सोनी व डॉ. प्रदीप गोयल ने बताया कि शनिवार को कॉन्फ्रेंस का विधिवत उद्घाटन एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भंडारी व समाजसेवी घनश्याम सोनी ने किया। विभिन्न सत्रों में देश-विदेश से आए डॉक्टर्स ने ब्रेस्ट कैंसर में रेडियोलॉजी और पैथोलॉजी की उपयोगिता, ट्रिपल नेगेटिव ब्रेस्ट कैंसर की चुनौतियां, ब्रेस्ट सर्जरी में एडवांस इमेजिंग आदि के बारे में चर्चा की।
इंग्लैंड से आए डॉ. आशुतोष कोठारी ने बताया कि ब्रेस्ट सर्जरी के प्रभाव को कम करने के लिए अब ट्यूमर का डीएस्केलेशन किया जाने लगा है। इससे ट्यूमर संकुचित हो जाता है और छोटी सर्जरी में ही मरीज का कैंसर वाला ट्यूमर निकाल दिया जाता है। इसके अलावा ब्रेस्ट रीकंस्ट्रेशन के लिए बॉडी के ही टिश्यु का इस्तेमाल किया जाने लगा है। इससे इंप्लांट के उपयोग से होने वाले इंफेक्शन के 5 से 15 प्रतिशत संभावना शून्य हो जाती है। कॉन्फ्रेंस में यूक के डॉ. जॉन राबर्टसन, डॉ. सारा पिंडर, हैदराबाद के डॉ.पी.रघुराम, अमेरिका के डॉ. जोसफ क्लेटजैल ने भी ब्रेस्ट कैंसर की नई इलाज तकनीकों के बारे में जानकारी दी।
विशेषज्ञों ने बताया कि अब मशीन से शरीर में कैंसर का कारण बनने वाले लिम्फनोड को लाइव देखा जा सकेगा। इसके लिए खास तरह की मशीन नियर इंन्फ्रारेड को इस्तेमाल किया जा रहा है। इस मशीन से इंन्फ्रारेड की सहायता से शरीर में बह रहे लिम्फनोडए जो कैंसर का कारण बनते हैंए उन्हें लाइव देख सकते हैं जिससे कैंसर की पहचान करना बहुत आसान हो गया है।