दो तीन महीने में टूट जाते ब्रेकर्स प्लास्टिक से बने ये स्पीड ब्रेकर्स यातायात का ज्यादा भार नहीं सह पाते, इसलिए दो से तीन महीने में ही टूट जाते हैं। हाल ये हैं कि शहर में कहीें टूटे पड़े आधे अधूरे प्लास्टिक स्पीड ब्रेकर्स दिखतें हैं, तो कहीं ब्रेकर्स की सिर्फ कीलें ही दिखती हैं, जो दुर्घटना का कारण बनती हैं। चांदी की टकसाल के आगे यही हालात हैं।
फैक्ट फाइल
– प्लास्टिक के स्पीड ब्रेकर का एक ब्लॉक की कीमत 700 रुपए है, एक जगह आठ से दस तक ब्लॉक लगते हैं। – झालाना रोड, झालाना प्याउ, मालीवय नगर, मानसरोवर, गोपालपुरा बाइपास, चांदी की टकसाल, हवामहल के सामने वाली रोड, ओटीएस से गोपालपुरा जाने वाले रास्ते पर, आगरा रोड सहित करीब पूरे शहर में ये स्पीड ब्रेकर लगे हैं।
टूटी हुई जगह से निकलते वाहन चालक
शहर में मुख्य मार्ग हो या कॉलोनियों की सड़कें सभी जगह प्लास्टिक के बने स्पीड ब्रेकर दिख जाएंगे और अधिकतर जगहों पर टूटे फूटे हालात में मिल जाएंगे। नतीजन जिस जगह से ये ब्रेकर टूट जाता है उस रोड से गुजरने वाले वाहन चालकों की कोशिश होती है कि उस टूटी हुई जगह से जल्दी से वाहन निकाला जाए इसी होड़ में ब्रेकर पर स्पीड कम होने की बजाए ओर बढ़ जाती है जिससे दुर्घटनाएं हो जाती है ।
ब्रेकर लगाने का यह है नियम नियमानुसार जहां ब्रेकर लगाया जाता है उस सड़क पर ट्रैफिक भार का अध्यन होता है और इंडियन रोड कांग्रेस के तय मानक पर ही रोड पर ब्रेकर लगया जाता है। लेकिन बिना अध्यन किए ही पूरे शहर भर में प्लास्टिक के बने ये स्पीड ब्रेकर लगा दिए गए। अब तो हालात ये है कि शहर की कॉलोनियों में भी ये प्लास्टिक स्पीड ब्रेकर लगा दिए गए हैं।
प्लास्टिक के स्पीड ब्रेकर्स का स्लोप कम होता है। इससे एकदम से झटका लगने से गर्भवती महिलाओं के लिए ये नुकासान दायक होते हैं। पहले तीन महीने की गर्भवती महिलाओं का इनसे गर्भपात तक होने का खतरा होता है। इसके अलाव इनसे स्लिप ***** की समस्या भी लोगों को होती है।
डॉ.सुप्रिया, स्त्री रोग विशेषज्ञ झालाना में ज्यादातर प्लास्टिक के बने स्पीड ब्रेकर्स टूटे हुए हैं। रात के समय टूटे ब्रेकर्स से गुजरने वाले दोपहिया वाहन चालक अनियंत्रित होकर चोटिल हो जाते हैं। हर्षित वैष्णव, स्टूडेंट