सात जुलाई को प्रदेश भर में प्रदर्शन
देश में बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी के और दलित अत्याचार के विरोध में आंदोलन की तैैयारी शुरू कर दी गई है और 7 जुलाई को संयुक्त रुप से प्रदेश भर में प्रदर्शन किया जाएगा। इसके तहत धरने प्रदर्शन करेंगे और कांग्रेस और भाजपा का विरोध किया जाएगा। आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष अनिल धेनवाल ने बताया कि भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी संयुक्त रूप से केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रही है। उन्होंने कहा कि पेट्रोल डीजल की दरों में लगातार वृद्धि से आमजन की कमर टूट गई है तो वहीं प्रदेश में भी गहलोत सरकार के राज में दलित अत्याचार के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि गहलोत सरकार ने राजस्थान जैसे खुशहाल प्रदेश को बेहाल प्रदेश बना दिया है। इसके विरोध में प्रदर्शन किया जाएगा।
देश में बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी के और दलित अत्याचार के विरोध में आंदोलन की तैैयारी शुरू कर दी गई है और 7 जुलाई को संयुक्त रुप से प्रदेश भर में प्रदर्शन किया जाएगा। इसके तहत धरने प्रदर्शन करेंगे और कांग्रेस और भाजपा का विरोध किया जाएगा। आजाद समाज पार्टी के अध्यक्ष अनिल धेनवाल ने बताया कि भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी संयुक्त रूप से केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रही है। उन्होंने कहा कि पेट्रोल डीजल की दरों में लगातार वृद्धि से आमजन की कमर टूट गई है तो वहीं प्रदेश में भी गहलोत सरकार के राज में दलित अत्याचार के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि गहलोत सरकार ने राजस्थान जैसे खुशहाल प्रदेश को बेहाल प्रदेश बना दिया है। इसके विरोध में प्रदर्शन किया जाएगा।
संगठन विस्तार पर चर्चा—
इससे पहले भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी की संयुक्त बैठक में संगठन — पार्टी के विस्तार को लेकर चर्चा की गई थी। इसमें तय किया गया था कि इन दलों को पूर्वी राजस्थान में ज्यादा मजबूत किया जाएगा। इसके लिए वहां जिला इकाइयों का गठन कर संगठन को गति दी जाएगी। पूर्वी राजस्थान में दलित वोट बैंक 40 से ज्यादा सीटों को प्रभावित करता है और इसीलिए इन दलों का ज्यादा फोकस यहीं रहेगा। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को यहां अच्छी सफलता मिली थी।
इससे पहले भीम आर्मी और आजाद समाज पार्टी की संयुक्त बैठक में संगठन — पार्टी के विस्तार को लेकर चर्चा की गई थी। इसमें तय किया गया था कि इन दलों को पूर्वी राजस्थान में ज्यादा मजबूत किया जाएगा। इसके लिए वहां जिला इकाइयों का गठन कर संगठन को गति दी जाएगी। पूर्वी राजस्थान में दलित वोट बैंक 40 से ज्यादा सीटों को प्रभावित करता है और इसीलिए इन दलों का ज्यादा फोकस यहीं रहेगा। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को यहां अच्छी सफलता मिली थी।
बसपा को भी डर— राजस्थान में बसपा को भी दलित वोट मिलते है और यहीं कारण है कि बसपा के छह विधायक चुने गए थे। इनमें नदबई से जोगेन्द्र अवाना, तिजारा से संदीप यादव, किशनगढबास से दीपचंद, करौली से लाखन मीणा,उदयपुरवाटी से राजेन्द्र गुढा और नगर से वाजिब अली है। इनमें उदयपुरवाटी को छोड़कर बाकी सीटें पूर्वी राजस्थान खासकर भरतपुर, अलवर, करौली जिले में आती है। इनमें भी अलवर और भरतपुर जिले से बसपा के दो दो विधायक चुने गए थे। इसीलिए इन्हें ज्यादा खतरा नजर आता है।