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बसपा से कांग्रेस में आए विधायक बोले, ‘सदस्यता बचाना पहली प्राथमिकता’

locationजयपुरPublished: Oct 12, 2021 08:34:48 pm

Submitted by:

firoz shaifi

-विधायकों ने कहा कि मुख्यमंत्री पर पुरा विश्वास, इसलिए सरकार के साथ खड़े हैं,विधिक राय लेने गए थे दिल्ली,विधायक वाजिब अली ने कहा, वे मंत्री ही नहीं बल्कि प्रधानमंत्री बनना चाहते हैं

जयपुर। दल -बदल कानून के तहत सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही का सामना कर रहे हैं बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों ने कहा उन्हें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर पूरा विश्वास है और वह हमेशा मुख्यमंत्री गहलोत और सरकार के साथ खड़े हैं। साथ ही विधायकों ने यह भी कहा कि समाज सेवा में आए हैं तो उनकी भी मंत्री बनने की इच्छा है। बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्रों में विकास के कामों में सरकार कोई कसर नहीं छोड़ रही है।

कानूनी राय लेने दिल्ली गए थे
बसपा से कांग्रेस में आए विधायक लाखन मीणा ने कहा कि सरकार और मुख्यमंत्री से कोई शिकायत नहीं है। मुख्यमंत्री गहलोत ने भी उनकी पैरवी के लिए वकील नियुक्त कर रखे हैं लेकिन वह भी अपनी ओर से वकील नियुक्त करने गए थे। हमारी पहली प्राथमिकता विधानसभा की सदस्यता बचाना है, इसलिए कानूनी कानूनी राय लेने ही दिल्ली गए थे। लखन मीणा ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष ने जो फैसला लिया था वह न्याय प्रिय और सही था।

हमारी कोई मांग नहीं
लाखन मीणा ने कहा कि न तो पार्टी में शामिल होते समय हमने कोई मांग रखी थी और न ही आज भी हमारी कोई मांग है। हम सरकार को स्थिरता देने के लिए सरकार के साथ आए थे। लाखन मीणा ने कहा कि देश में ऐसे बहुत से प्रकरण आए हैं जब विधायक अपनी पार्टी छोड़कर दूसरी पार्टियों में गए लेकिन कभी किसी की सदस्यता आज तक नहीं गई है।

मैं तो प्रधानमंत्री बनना चाहता हूं
वहीं बसपा से कांग्रेस में आए विधायक वाजिब अली कहा कि कांग्रेस में शामिल होते समय उन्होंने कोई शर्त नहीं रखी थी, लेकिन समाज सेवा में आए हैं तो मंत्री बनना चाहते हैं, मंत्री तो क्या वे तो प्रधानमंत्री बनना चाहता हैं और अगर भविष्य में मौका मिलेगा तो चूकेंगे नहीं। गौरतलब है कि दल-बदल कानून के तहत बसपा से कांग्रेस में आए 6 विधायकों का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने विधायकों को नोटिस जारी किए थे, जिस पर अब 1 महीने के भीतर इन विधायकों को सुप्रीम कोर्ट में जवाब पेश करना है।

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