सरकार पर दबाव बनाने के लिए आज बसपा से कांग्रेस में आए सभी 6 विधायकों की बैठक होने जा रही है। दोपहर 12 बजे के बाद विधायक लाखन मीणा के निवास पर होने वाली बैठक में बसपा से शामिल कांग्रेस में आए विधायक शामिल होंगे। हालांकि विधायक वाजिब अली ऑस्ट्रेलिया और जोगिंदर अवाना नोएडा से वर्चुअल बैठक में शामिल होंगे।
इसके अलावा राजेंद्र गुढ़ा, लाखन सिंह मीणा, संदीप यादव बैठक में शामिल होंगे। बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए विधायकों की बैठक को प्रेशर पॉलिटिक्स के तौर पर देखा जा रहा है। दरअसल रविवार को बसपा विधायक लखन मीणा का बयान सामने आया था जिसमें उन्होंने कहा था कि मंत्रिमंडल में 9 मंत्रियों की जगह खाली है जल्द से जल्द मंत्रिमंडल का विस्तार होना चाहिए, यह विभाग अफसरों के भरोसे चल रहे हैं। ऐसे में इन विभागों में मंत्रियों की नियुक्ति होगी तो काम तेजी से होगा।
राजेंद्र गुढ़ा भी कई बार उठा चुके हैं मांग
वहीं विधायक राजेंद्र गुढ़ा भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, तत्कालीन प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे और वर्तमान प्रदेश प्रभारी अजय माकन के समक्ष भी कई बार जल्द से जल्द मंत्रिमंडल विस्तार की मांग उठा चुके हैं। इसी लेकर वे कई बार अपनी नाराजगी भी प्रकट कर चुके हैं।
सियासी संकट में दिया था गहलोत सरकार का साथ
बीते साल सचिन पायलट कैंप की बगावत के बाद सरकार पर आए सियासी संकट के दौरान बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए 6 विधायकों ने गहलोत सरकार का जमकर साथ दिया था। बाड़ाबंदी के दौरान भी विधायक राजेंद्र गुढ़ा, जोगिंदर अवाना ने मुखर होकर पायलट कैंप के खिलाफ मुखर होकर मोर्चा खोला था। ऐसे में तब माना जा रहा था कि सरकार का साथ देने वाले विधायकों को मंत्रिमंडल में स्थान दिया जाएगा।
राजेंद्र गुढ़ा ने निभाई थी विलय की भूमिका
दरअसल 16 सितंबर 2019 को बसपा के सभी 6 विधायकों ने कांग्रेस का दामन थाम लिया था। बसपा के सभी 6 विधायकों को कांग्रेस में शामिल कराने में उस वक्त बसपा विधायक राजेंद्र गुढ़ा की बड़ी भूमिका रही थीं। हालांकि सूत्रों की माने तो सभी 6 बसपा विधायक मंत्री बनाए जाने की शर्त पर कांग्रेस में शामिल हुए थे, लेकिन डेढ़ साल बाद भी मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने से इन विधायकों में अब नाराजगी बढ़ती जा रही है।
सुप्रीम कोर्ट में चल रहा दल बदल का मामला
इधर बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए सभी 6 विधायकों की दल बदल कानून के तहत विधानसभा की सदस्यता रद्द करने का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है, बसपा ने इन विधायकों की सदस्यता रद्द कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की हुई है, जिस पर इन विधायकों को नोटिस भी जारी हो चुके हैं।