अदालत ने बसपा से कांग्रेस में शामिल हुए छह विधायकों को आठ अगस्त तक नोटिस तामील कराने के लिए जैसलमेर डीजे को आदेश दिए और कहा है कि इसके लिए जैसलमेर एसपी की सहायता भी ली जा सकती है। अदालत ने नोटिस को राजस्थान पत्रिका के जैसलमेर और बाड़मेर के एडिशन में प्रकाशित कराने के भी निर्देश दिए है।
इससे पहले सिंगल बैंच ने इस मामले में सुनवाई कर 11 अगस्त तक स्पीकर और विधायकों से जवाब मांगा था। इसके खिलाफ भाजपा विधायक मदन दिलावर ने डबल बैंच में अपील कर विलय पर स्टे देने की मांग की थी। इस पर अदालत ने बुधवार को सुनवाई की थी और आज भी सुनवाई कर सिंगल बैंच को ही इस मामले में 11 अगस्त को ही फैसला देने को कहा है।
भाजपा विधायक मदन दिलावर ने याचिका में विधानसभा अध्यक्ष, सचिव व सीपी जोशी सहित बसपा के छह विधायकों को भी पक्षकार बनाया है। याचिका में कहा है कि विधानसभा अध्यक्ष को याचिकाकर्ता ने चार महीने पहले मार्च 2020 में बसपा विधायक लखन सिंह, राजेन्द्र सिंह गुढ़ा, दीपचंद खेड़िया, जोगेन्दर सिंह अवाना, संदीप कुमार व वाजिब अली के कांग्रेस में विलय के खिलाफ शिकायत की थी।
इसमें अध्यक्ष से आग्रह किया था कि वे इन छह एमएलए को दलबदलू कानून के तहत राजस्थान विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित किया जाए। लेकिन अध्यक्ष ने उनकी शिकायत पर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की है। इसलिए अदालत अध्यक्ष को बसपा विधायकों को अयोग्य घोषित करने से संबंधित लंबित शिकायत याचिका पर जल्द सुनवाई का आदेश दे। इस बीच स्पीकर ने दिलावर की याचिका को खारिज भी कर दिया। तब दिलावर ने दूसरी याचिका अदालत में लगाई थी।