जयपुर

ग्लूटेन फ्री कुट्टू देगा शारीरिक मजबूती

कुट्टू इम्यूनिटी को बूस्ट करने के साथ ही मेंटल हेल्थ को प्रमोट करने का काम भी करता है

जयपुरJul 28, 2019 / 04:37 pm

Archana Kumawat

कैंसररोधी गुण
ए क नई रिसर्च से सामने आया कि ऐसे फूड जिसमें डाइटरी फाइबर की मात्रा अच्छी होती हैं, वे पोस्टमेनोपॉज महिलाओं में बे्रस्ट कैंसर का रिस्क कम करते हैं। यदि डाइटरी फाइबर का सेवन नियमित किया जाए तो महिलाओं में कैंसर का रिस्क ५० फीसदी कम हो जाता है।

हार्ट हेल्दी गुण
इसमें पाए जाने वाले फाइटोन्यूट्रियंट हार्ट डिजीज का रिस्क कम करते हैं। फ्लेवनॉइड्स ब्लड में से बुरे कोलेस्ट्रोल के लेवल को कम करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हंै। साथ ही यह इंफ्लेमेशन को भी दूर करता है। इसमें पाया जाने वाला मैग्नीशियम ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने का काम भी करता है। इसके अलावा यह ब्लड में ऑक्सीजन का प्रवाह भी बढ़ाता है, जिससे कोलेस्ट्रोल से जुड़ी समस्याएं नहीं होती है। इतना ही नहीं, इसमें पाए जाने वाले फाइटोन्यूट्रिएंट और एंटी ऑक्सीडेंट्स भी कॉर्डियोवैस्कुलर डिजीज का रिस्क कम करता है। इस तरह हार्ट अटैक, स्ट्रोक आदि का रिस्क कम हो जाता है।

डायबिटीज का रिस्क कम करेगा कुट्टू
कुट्टू के आटे में कैलोरी कम होती है और सैचुरेटेड फैट भी नहीं होता है। इस वजह से डायबिटीज के मरीजों के लिए कुट्टू के आटा का सेवन फायदेमंद होता है। इसके अलावा इसमें डाइटरी फाइबर भी अधिक मात्रा में होता है। कुट्टू का ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी कम होता है। कुट्टू मैग्नीशियम का भी अच्छा सोर्स होता है। एक अध्ययन के अनुसार यदि महिलाएं मैग्नीशियम से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें तो उनमें डायबिटीज की आशंका २४ फीसदी तक कम हो जाती है।

अस्थमा में लाभकारी
कुट्टू के आटे में मैग्नीशियम और विटामिन ई अच्छी मात्रा में पाया जाता है, जो कि अस्थमा को डवलप होने से रोकता है। इस संबंध में हुए रिसर्च से भी यह सामने आया कि जिन फूड में एंटी-इंफ्लेमेटरी न्यूट्रियंट जैसे विटामिन ई और मैग्नीशियम होता है, वे अस्थमा की रोकथाम में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। एक अन्य अध्ययन के अनुसार यदि सभी तरह के अनाज में कुट्टू को भी शामिल किया जाए तो बच्चों में अस्थमा की आशंका ५० फीसदी तक कम की जा सकती है। साथ ही अन्य तरह की सांस संबंधी समस्याओं को भी दूर किया जा सकता है।

हड्डियों के लिए
इ स आटे में मैंगनीज भी भरपूर मात्रा में होता है, जो हड्डियों की मजबूती के लिए बहुत जरूरी होता है। यह शरीर में कैल्शियम को सोखने में मदद करता है। इतना ही नहीं इससे ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा कम हो जाता है। इसमें हड्डियों के लिए जरूरी सेेलेनियम और जिंक भी बहुत अच्छी मात्रा में होता है। इसमें पाए जाने वाले तत्व कनेक्टिव टिश्यूज के फॉर्मेशन को भी सक्रिय करने का काम करते हैं। यह बच्चों में हड्डियों की ग्रोथ को बढ़ाने में भी उपयोगी होता है। इस तरह हड्डियों की मजबूत संरचना के लिए कुट्टू का सेवन करना लाभकारी है।

कम होगा वजन
कुट्टू के इस्तेमाल से आप वजन भी कंट्रोल कर सकते हैं। दरअसल, इसमें फाइबर की उच्च और फैट की मात्रा कम होने के कारण वजन घटाने वालों के लिए यह बेहतर विकल्प है। फाइबर लंबे समय तक पेट भरा होने का अहसास देता है। इससे ओवर ईटिंग की आदत को कंट्रोल कर सकते हैं। यह पेट के लिए भी बहुत अच्छा होता है। इसके अलावा कुट्टू में फास्फोरस, मैग्नीशियम, आयरन, कॉपर, जिंक और मंैगनीज जैसे कई खनिज पदार्थ होते हैं, जो हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने के साथ ही कोल्ड और फ्लू से भी रक्षा करते हैं।

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